Monday, November 25, 2024
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SBI ने 10 सबसे बड़े 'विलफुल डिफॉल्टरों' के नाम किए जारी, देखिए लिस्ट में कौन-कौन है शामिल

एसबीआई फार्मास्युटिकल्स, जेम्स, ज्वेलरी और पावर सेक्टर की 10 बड़ी कंपनियों और उनके शीर्ष अधिकारियों के नामों का खुलासा करते हुए उन्हें विलफुल डिफॉल्टर (जानबूझकर कर्ज ना चुकाने वाला) के रूप में घोषित किया है।

Reported by: IANS
Updated on: June 29, 2019 14:11 IST
state bank of india sbi reveals names of 10 big willful defaulters see list- India TV Paisa

state bank of india sbi reveals names of 10 big willful defaulters see list

मुंबई। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने शुक्रवार को फार्मास्युटिकल्स, जेम्स, ज्वेलरी और पावर सेक्टर की 10 बड़ी कंपनियों और उनके शीर्ष अधिकारियों के नामों का खुलासा करते हुए उन्हें विलफुल डिफॉल्टर (जानबूझकर कर्ज ना चुकाने वाला) के रूप में घोषित किया है। अधिकांश कंपनियां मुंबई की हैं।

एसबीआई ने कहा कि इन डिफॉल्टर्स के पास बकाया कर्ज की रकम करीब 1,500 करोड़ रुपए है और उनको कर्ज चुकाने के लिए कई बार नोटिस जारी किया गया। बैंक ने अखबारों में इनकी तस्वीरों के साथ पूरा ब्योरा छपवाया है। साथ ही एसबीआई ने सभी को कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। 

कौन-कौन है लिस्ट में

कुफे परेड स्थित स्ट्रेस्ड एसेट्स मैनेजमेंट ब्रांच-1 द्वारा जारी सार्वजनिक सूचना के अनुसार, इन चूककर्ताओं में इन्फ्रास्ट्रक्चर व अन्य सेक्टरों की कंपनियां भी शामिल हैं। सूची में सबसे बड़ा डिफॉल्टर स्पैनको लिमिटेड है, जिसके पास बकाया कर्ज की रकम 3,47,30,322 रुपये है। कंपनी का दफ्तर सियोन स्थित गोदरेज कोलिसियम में है और इसके दो निदेशक कपिल पुरी और उनकी पत्नी कविता पुरी पास ही स्थित चेंबुर में रहते हैं। 

दूसरा डिफाल्टर अंधेरी स्थित कैलिक्स केमिकल्स एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड है, जिसके पास 3,27,81,97,772 रुपये बकाया कर्ज की राशि है। इनके निदेशक स्मितेश सी. शाह, भरत एस. मेहता और रजत आई.दोशी हैं और सभी मुंबई के हैं।

वहीं, रायगढ़ स्थित लोहा इस्पात लिमिटेड के पास बकाया कर्ज की रकम 2,87,30,52,225 रुपये है। इस कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर राजेश जी. पोद्दार हैं, जबकि निदेशकों के नाम अंजू पोद्दार (दोनों मुंबई के हैं), मनीष ओ. गर्ग और संजय बंसल (दोनों नवी मुंबई निवासी) हैं।

बैंक ने इसके अलावा अन्य डिफाल्टर कंपनियों व उनके शीर्ष अधिकारियों के नाम भी घोषित किए हैं। 

जानिए क्या होता है विलफुल डिफॉल्टर?

विलफुल डिफॉल्टर का मतलब उन कर्जदारों से होता है, जिन्होंने जिस काम के लिए बैंक से कर्ज लिया था, उसका उसमें इस्तेमाल नहीं किया। साथ ही, कर्ज चुकाने की क्षमता होने के बावजूद वह बैंकों की रकम वापस नहीं करते। अगर किसी शख्स ने कोई संपत्ति गिरवी रखकर बैंक से कर्ज लिया है और बैंक की जानकारी के बिना वह उस संपत्ति को बेच देता है तो उसे भी विलफुल डिफॉल्टर माना जाता है।

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