नई दिल्ली। देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के ग्राहक ध्यान दें। दरअसल एसबीआई अपने सर्विस चार्ज में बड़ा बदलाव करने जा रहा है। इसमें बैंक में रुपया जमा करना, रुपया निकालना, चेक का इस्तेमाल, एटीएम ट्रांजेक्शन से जुड़े सर्विस चार्ज शामिल हैं। सर्विस चार्ज में बदलाव के संबंध में एसबीआई ने अपनी वेबसाइट पर एक सर्कुलर भी जारी कर दिया है।
जहां एक तरफ एसबीआई ने चेक बुक में पन्ने घटा दिए हैं, वहीं दूसरी तरफ बाउंस होने पर शुल्क को बढ़ा दिया है। नए नियम एक अक्टूबर 2019 से पूरे देश में लागू होंगे। बैंक ने शुक्रवार को सेवा शुल्कों की नई सूची जारी की है उसके मुताबिक, अब बचत खाते पर एक वित्त वर्ष में 25 की जगह केवल 10 चेक ही मुफ्त देगा। इसके बाद 10 चेक लेने पर 40 रुपए देने होंगे। जबकि पहले मुफ्त चेकबुक के बाद 10 चेक लेने पर 30 रुपए देने पड़ते थे, इसमें जीएसटी अलग से चुकाना होगा।
तीन बार से ज्यादा कैश जमा किया तो हर बार देने होंगे 56 रुपए
एसबीआई सबसे बड़ा बदलाव बैंक खाते में रुपया जमा करने के नियम को लेकर करने जा रहा है। बैंक के सर्कुलर के अनुसार एक अक्टूबर 2019 के बाद आप एक महीने में अपने खाते में केवल तीन बार ही रुपया मुफ्त में जमा कर पाएंगे। यदि इससे ज्यादा बार रुपया जमा करते हैं तो प्रत्येक ट्रांजेक्शन पर 50 रुपए (जीएसटी अतिरिक्त) का चार्ज देना होगा।
बैंक सर्विस चार्ज पर 12 फीसदी का जीएसटी वसूलता है। इस प्रकार जब आप चौथी, पांचवीं या ज्यादा बार रुपया जमा करेंगे तो आपको हर बार 56 रुपए ज्यादा देने होंगे। गौरतलब है कि अभी किसी भी बैंक में खाते में रुपए जमा करने संबंधी कोई रोकटोक नहीं है। कोई भी व्यक्ति अपने खाते में महीने में कितनी ही बार कितना भी पैसा जमा कर सकता है।
चेक बाउंस हुआ तो देने पड़ेंगे 168 रुपए
एसबीआई ने चेक रिटर्न के नियमों को भी कड़ा कर दिया है। बैंक के सर्कुलर के मुताबिक 1 अक्टूबर के बाद कोई भी चेक किसी तकनीकी के कारण (बाउंस के अलावा) लौटता है तो चेक जारी करने वाले पर 150 रुपए और जीएसटी अतिरिक्त का चार्ज देना है। जीएसटी को मिलाकर यह चार्ज 168 रुपए होगा।