नई दिल्ली। देश में कारोबार सुगमता को बढ़ाने के प्रयासों के तहत वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि नई कंपनियों यानी स्टार्टअप को बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) का लाभ उठाने के लिए अब मात्र एक मान्यता प्रमाणपत्र की आवश्यकता होगी।
इससे पहले उद्यमियों को एक विस्तृत प्रक्रिया से गुजरना होता था, जिसके तहत उन्हें इन अधिकारों का लाभ उठाने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी बोर्ड से संपर्क करना होता था। यहां राज्यों की एक स्टार्टअप इंडिया गोष्ठी में उन्होंने कहा, एक स्टार्टअप को अब औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग (डीआईपीपी) से मात्र एक मान्यता प्रमाणपत्र लेने की जरूरत होगी। उसे अब पहले की तरह अंतर-मंत्रालयी बोर्ड से जांच कराने की आवश्यकता नहीं होगी। यह एक अहम बदलाव है जो हम लाए हैं।
स्टार्टअप इंडिया कार्यान्वयन योजना के तहत सरकार ने उद्यमियों के लिए तीन साल कर में छूट और अन्य लाभों की घोषणा की है। निर्मला ने जानकारी दी कि स्टार्टअप से जुड़े मुद्दों के समाधान के लिए उनके मंत्रालय ने विभिन्न हितधारकों समेत निवेशकों के साथ भी बैठकें करने की श्रृंख्ला तैयार की है। वह जल्द ही निवेशकों, उद्योगों और पत्रकारों के साथ भी बातचीत करेंगी।
यह भी पढ़ें- राइज इंडिया ने पढ़ोपढ़ाओ में खरीदी 60% हिस्सेदारी, होम ट्यूशन को संगठित बनाने की है योजना
यह भी पढ़ें- Make in India: स्टार्टअप्स के सामने धन की नहीं होगी कमी, सरकार ने 10,000 करोड़ रुपए के फंड को दी मंजूरी