नई दिल्ली। श्रम मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) तथा स्वास्थ्य बीमा प्रदाता ईएसआईसी को निर्देश दिया है कि नई कंपनियों (स्टार्टअप) को तीन साल के लिए निरीक्षण व रिटर्न दाखिल करने से छूट दी जाए।
मंत्रालय ने स्टार्टअप को पोषित करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के तहत यह कदम उठाया है। मंत्रालय ने कहा है कि नई पीढ़ी के उक्त उपक्रमों को नौ श्रम कानूनों के अनुपालन के लिए स्वप्रमाणन की अनुमति दी जाए। श्रम सचिव शंकर अग्रवाल ने एक पत्र में कहा है कि स्टार्टअप को नौ श्रम कानूनों के तहत तीन साल तक न तो रिटर्न दाखिल करने के लिए कहा जाए और न ही उनका निरीक्षण किया जाए। उक्त कानूनों में कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध प्रावधान कानून तथा कर्मचारी राज्य बीमा कानून शामिल हैं।
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उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष ध्यान दिए जाने व पोषण की जरूरत है। इसलिए इन उपक्रमों को श्रम कानूनों के स्वप्रमाणन की अनुमति दी जा सकती है। इसके तहत उक्त स्टार्टअप को भवन व अन्य निर्माण श्रमिक (रोजगार व सेवा शर्तों का नियमन) कानून, अंतरराज्यीय आव्रजक श्रमिक (रोजगार व सेवा शर्तों का नियमन) कानून, ग्रेच्युटी भुगतान कानून तथा ठेका श्रमिक कानून के तहत निरीक्षण आदि से छूट दी जाएगी। इस तरह के स्टार्टअप को पहले साल निरीक्षण तथा रिटर्न फाइल करने से पूरी तरह छूट होगी और उनसे ऑनलाइन स्व घोषणा फार्म जमा करने के लिए कहा जाएगा।