नई दिल्ली। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स (S&P) ने भारत का आउटलुक स्टेबल रखा है। हालांकि, इससे रेटिंग बढ़ने की उम्मीद को झटका लगा है। S&P ने भारत की रेटिंग बीबीबी-/ए-3 पर स्टेबल रखा है। रेटिंग एजेंसी ने यह भी कहा है कि अगले साल तक भारत की रेटिंग में बदलाव की उम्मीद नहीं है। रिफॉर्म्स के लागू होने और फाइनंशियल स्थिति बेहतर होने पर ही भारत की रेटिंग बढ़ेगी।
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रेटिंग घटने की जताई आशंका
- S&P ने GDP ग्रोथ से असंतुष्ट होने पर भारत की रेटिंग घटने की आशंका जताई है।
- रेटिंग एजेंसी ने यह भी कहा कि मौद्रिक नीति कमिटी (MPC) अगर लक्ष्य हासिल नहीं कर पाती है तो रेटिंग घट सकती है।
- विदेशी निवेश में गिरावट से भी रेटिंग घटने का खतरा बढ़ सकता है।
- हालांकि, S&P ने यह भी कहा है कि अगर सरकारी कर्ज GDP के 60 फीसदी से कम हुआ तो रेटिंग बढ़ सकती है।
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सरकारी बैंकों में 4,500 करोड़ डालने की जरूरत
- S&P के अनुसार, 2019 तक सरकारी बैंकों में 4500 करोड़ डॉलर की पूंजी डालने की जरूरत होगी।
- 2016 में चालू खाता घाटा 2015 के 2.1 फीसदी के मुकाबले घटकर 1.4 फीसदी रहने का अनुमान है।
- 2016 में 7.9 फीसदी जीडीपी ग्रोथ का अनुमान है।
- S&P ने मार्च 2017 तक RBI के 5 फीसदी महंगाई दर का लक्ष्य हासिल करने का भरोसा जताया है।