नोएडा। उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को नोएडा में बनने वाले हवाई अड्डे के पहले चरण के लिए सरकारी एजेंसी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (एनआईएएल) को पट्टे पर दी जाने वाली जमीन के लिए स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क माफ करने का फैसला किया। एक आधिकरिक बयान के अनुसार यह निर्णय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में लखनऊ में हुई बैठक में लिया गया।
बयान के अनुसार राज्य सरकार के नागरिक उड्डयन विभाग ने गौतम बुद्ध नगर के जेवर क्षेत्र में नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पहले चरण के लिए 1,334 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है। यह जमीन हवाईअड्डा परियोजना के लिए एनआईएएल को लीज पर दी जायेगी। बयान के में कहा गया, ‘‘नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के विकास के लिए कैबिनेट ने अधिग्रहित 1,334 हेक्टेयर भूमि पर स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क माफ करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।’’
नॉएडा हवाईअड्डे के नोडल अधिकारी शैलेन्द्र भाटिया ने कहा कि आम तौर पर जमीन लीज पर देते समय, पट्टेदार को भूमि के कुल सर्किल रेट का एक प्रतिशत पंजीकरण शुल्क में और सात प्रतिशत स्टाम्प शुल्क में देना होता है। उन्होंने कहा, ‘‘परियोजना पर विकास कार्य को आगे बढ़ाने के लिए एनएआईएल को भूमि पट्टे पर देना महत्वपूर्ण था। एनआईएएल ने काम करने के लिए 40 साल की अवधि के लिए एक छूटग्राही का चयन किया है, जो तभी आगे बढ़ सकता है जब एनआईएएल के पास पट्टे पर जमीन हो।’’
एनआईएएल ने हवाईअड्डा परियोजना को विकसित करने के लिये ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट एजी को रियायतग्राही चुना है। स्विटजरलैंड मुख्यालय वाली इस कंपनी ने परियोजना के लिये एक विशेष उद्देशीय कंपनी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रा.लिमिटेड बनाई है।