वाराणसी। कैदियों के पुनर्वास के लिए भारत सरकार की योजना के अनुरूप वाराणसी केंद्रीय कारागार में जिंदल स्टेनलेस की मदद से एक स्टेनलेस स्टील निर्माण प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिंदल स्टेनलेस के फेब्रिकेशन विशेषज्ञों ने वाराणसी केंद्रीय कारागार के वरिष्ठ अधीक्षक अंबरीश गौर और उनकी टीम की मौजूदगी में 50 शॉर्टलिस्ट किए गए कैदियों के साथ तीन महीने लंबे इस कार्यक्रम के पहले चरण का आयोजन किया।
इस कार्यक्रम से कैदियों को अपनी सज़ा पूरी करने के बाद एक सम्मानित एवं आत्म-निर्भर जीवन जीने में मदद मिलेगी। कारागार में निर्मित स्टेनलेस स्टील वस्तुओं का उपयोग वाराणसी स्मार्ट सिटी एवं काशी विश्वनाथ मंदिर प्रोजेक्ट में करने की योजना है।
इस स्टेनलेस स्टील फेब्रिकेशन प्रशिक्षण कार्यक्रम को इस प्रकार तैयार किया गया है, जिससे प्रशिक्षुओं को स्टेनलेस स्टील की वेल्डिंग, कटाई, और पॉलिशिंग जैसी प्रमुख प्रक्रियाएं सिखाई जा सकें। इससे उन्हें कईं प्रकार के स्टेनलेस स्टील उत्पाद मसलन, रेलिंग, गेट, उपकरण, छोटे फर्नीचर आदि बनाने में मदद मिलेगी। प्रशिक्षण के बाद चुनिंदा प्रशिक्षु जेल अधिकारीयों के साथ उत्तर प्रदेश के अन्य जेलों में इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाने में मदद करेंगे।
भारत में कैदियों के पुनर्वास कार्यक्रम के तहत कईं जेल प्रशासन उन्हें नए कौशल सीखने के लिए संसाधन और मदद प्रदान कर रहे हैं। ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम उन्हें कैद के दौरान आय का स्रोत और उसके उपरान्त रोज़गार के मौके मुहैया कराने में मदद करते हैं।
इस पहल के बारे में जिंदल स्टेनलेस के प्रबंध निदेशक अभ्युदय जिंदल ने कहा कि हमें ऐसी पहल से जुड़ने की ख़ुशी है जिससे रोज़गार बढ़ेगा। स्टेनलेस स्टील के फेब्रिकेशन और वेल्डिंग के लिए विशेष कौशल की ज़रूरत होती है। स्टेनलेस स्टील उद्योग की अग्रणी कंपनी के तौर पर भारत में इस उद्योग से जुड़े विशिष्ट कौशल का प्रसार करने की ज़िम्मेदारी हमारी है। भविष्य में भी हम ऐसे अवसरों के लिए तत्पर रहेंगे जिनसे हम अधिकाधिक लोगों को आजीविका अर्जित कराने में सहायक बन सकें।