कोलंबो। श्रीलंका ने चॉकलेट्स और वाइन से लेकर रेनकोट्स और कारपेट्स जैसे 600 से अधिक उत्पादों के लिए लेटर्स ऑफ क्रेडिट (एलसी) पर 100 प्रतिशत कैश मार्जिन की अनिवार्यता को लागू कर दिया है। श्रीलंका ने यह कदम अनावश्यक आयात को रोकने के लिए उठाया है, क्योंकि देश इस समय गंभीर विदेशी मुद्रा संकट का सामना कर रहा है। सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका के मॉनेट्री बोर्ड की बुधवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। बोर्ड ने मॉनेट्री लॉ के तहत यह आदेश जारी किया है। नया मार्जिन अनुपालन नियम 8 सितंबर से 600 से अधिक उत्पादों के लिए प्रभावी हो गया है।
इसके अलावा लाइसेंसधारी वाणिज्यिक बैंकों को मार्जिन का भुगतान करने के लिए आयातकों को ऋण देने से भी रोक दिया गया है। सेंट्रल बैंक ने अपने आदेश में कहा है कि लाइसेंसधारी वाणिज्यिक बैंक न्यूनतम कैश मार्जिन डिपोजिट की अनिवार्यता को पूरा करने के लिए अपने ग्राहकों को किसी तरह का ऋण उपलब्ध नहीं कराएंगे। आदेश में 693 उत्पादों, जिसमें चॉकलेट्स, स्पेगती, एप्पल जूस, वाइन, ओट्स, सोया मिल्क, डेयरी उत्पाद, लिपिस्टिक, कारपेट्स, कोट्स और इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद शामिल हैं, पर 100 प्रतिशत कैश मार्जिन लागू किया गया है।
दो दिन पहले वित्त मंत्री बासिल राजपक्षा ने संसद में बताया था कि श्रीलंका गंभीर बाहरी संकट के साथ ही साथ घरेलू संकट से जूझ रहा है। राजस्व निरंतर घटर रहा है और खर्च में निरंतर वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि देश इस समय गंभीर विदेशी मुद्रा संकट का सामना कर रहा है।
31 अगस्त को, राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षा ने खाद्य पदार्थों की कीमत में अचानक तेजी आने से घरेलू मुद्रा के मूल्य में तेज गिरावट के बाद आपातकाल की घोषणा की थी। राष्ट्रपति राजपक्षा ने चावल और चीनी जैसी आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी को रोकने के लिए सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत आपातकाल की घोषणा की थी।
इस साल श्रीलंकन रुपया डॉलर के मुकाबले 7.5 प्रतिशत कमजोर हो चुका है। सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका ने हाल ही में स्थानीय मुद्रा को मजबूत बनाने के लिए ब्याज दरों में वृद्धि की है। बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार जुलाई अंत में घटकर 2.8 अरब डॉलर रह गया, जो नवंबर 2019 में 7.5 अरब डॉलर था। इस दौरान अमेरिकी डॉलर के मुकाबले श्रीलंका मुद्रा का मूल्य 20 प्रतिशत से अधिक घट चुका है।
श्रीलंका खाद्य और अन्य जिंसों का शुद्ध आयातक है। यहां कोविड-19 मामलों और मृत्यु में बढ़ोतरी हुई है जिसकी वजह से पर्यटन बंद पड़ा है। विदेशी मुद्रा से आय का पयर्टन ही मुख्य स्रोत है। पर्यटकों की संख्या में गिरावट के कारण श्रीलंका की अर्थव्यवस्था में पिछले साल 3.6 प्रतिशत की गिरावट आई। श्रीलंका में कोविड-19 मामलों में वृद्धि के कारण अभी 16 दिन का कर्फ्यू लगा है, जो सोमवार को जारी रहेगा।
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