नई दिल्ली। घरेलू निजी एयरलाइन कंपनी स्पाइसजेट (SpiceJet) ने सोमवार को एक नई योजना की शुरुआत की है, जिसके तहत यात्री टिकट के लिए तीन, छह या 12 किस्तों में भुगतान कर सकेंगे। विमानन कंपनी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि शुरुआती पेशकश के तहत ग्राहक बिना किसी अतिरिक्त लागत (बिना ब्याज) के तीन महीने की ईएमआई के विकल्प का लाभ ले सकेंगे।
स्पाइसजेट ने बताया कि ईएमआई योजना का लाभ उठाने के लिए यात्रियों को पैन नंबर, आधार नंबर या वीआईडी जैसे बुनियादी ब्यौरे देने होंगे और इसे पासवर्ड से सत्यापित करना होगा। ग्राहकों को अपनी यूपीआई आईडी से पहली ईएमआई का भुगतान करना होगा और बाद की ईएमआई उसी यूपीआई आईडी से काट ली जाएगी। स्पाइसजेट ने बताया कि ईएमआई योजना का लाभ उठाने के लिए यात्रियों को किसी क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड का विवरण देने की जरूरत नहीं है।
विस्तारा ने दिल्ली से पेरिस के लिए सीधी उड़ान सेवाएं शुरू की
विमानन कंपनी विस्तारा ने भारत और यूरोप के बीच एयर बबल समझौते के तहत दिल्ली से पेरिस के लिए सीधी उड़ान सेवाएं शुरू की हैं। विस्तारा ने सोमवार को एक बयान में कहा कि उसने रविवार को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से पेरिस के चार्ल्स डी गॉल हवाई अड्डे के लिए अपनी पहली सीधी उड़ान का संचालन किया। समझौते के तहत विस्तारा दोनों शहरों के बीच सप्ताह में दो बार- बुधवार और रविवार को बोइंग 787-9 (ड्रीमलाइनर) विमान के साथ उड़ान भरेगी।
टाटा संस और सिंगापुर एयरलाइंस के संयुक्त उद्यम विस्तारा के लिए पेरिस सातवां विदेशी गतंव्य है, जहां कंपनी एयर बबल समझौते के तहत अपनी उड़ान सेवाएं संचालित कर रही है। कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए एयर बबल समझौते के तहत दो देश आपस में कुछ प्रतिबंधों तथा सख्त नियमों के तहत अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के संचालन की अनुमति देते हैं।
एयर इंडिया के निवर्तमान प्रबंधन द्वारा बकाया भुगतान की उम्मीद
एयर इंडिया के पायलट यूनियनों में से एक- इंडियन पायलट गिल्ड (आईपीजी) ने उम्मीद जताई है कि निवर्तमान प्रबंधन यह सुनिश्चित करेगा कि विमानन कंपनी के नए मालिक टाटा संस के पास जाने से पहले कर्मचारियों के बकाया निपटान की प्रक्रिया को सही ढंग से पूरा कर लिया जाएगा। एयर इंडिया के सीएमडी को लिखे एक पत्र में गिल्ड ने रविवार को कहा कि वह विमानन कंपनी के नए मालिकों के साथ एक नई शुरुआत करने को लेकर ‘‘आशावादी’’ हैं।
पत्र में साथ ही मौजूदा प्रबंधन से कर्मचारियों का शोषण नहीं करने का आग्रह किया गया। गिल्ड ने कहा कि शोषण की स्थिति में बड़े पैमाने पर विरोध और औद्योगिक अशांति के हालात बन सकते हैं। आईपीजी के अनुसार 2006 के वेतन समझौते के तहत कैप्टन और सह-पायलटों के लिए मासिक लेओवर सब्सिस्टेंस अलाउंस (एलएसए) का प्रावधान किया गया था। इन वर्षों में इस राशि का 25 प्रतिशत को रोक दिया गया, जो अभी भी बकाया है। गिल्ड ने कहा कि इसके अलावा इस वेतन समझौते के तहत ओवरटाइम भुगतान भी लंबे समय से रुका हुआ है। साथ ही 2012 में सभी कर्मचारियों पर गलत और एकतरफा तरीके से 25 प्रतिशत वेतन कटौती लागू की गई थी। पिछले महीने के अंत में केंद्र सरकार ने एयर इंडिया को 18,000 करोड़ रुपये में टाटा संस के हाथों बेचने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।