नई दिल्ली। स्पेक्ट्रम की अबतक की सबसे बड़ी नीलामी से पहले प्रमुख दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल ने कहा कि उसने इस समय मोबाइल स्पेक्ट्रम की कोई बहुत जरूरत नहीं लगती। स्पेक्ट्रम नीलामी कुछ महीने बाद होनी है। पिछले वर्ष की स्पेक्ट्रम नीलामी में दूसरी सबसे बड़ी बोलीकर्ता कंपनी का हालांकि मानना है कि बहु-प्रतीक्षित रिलायंस जियो की सेवाओं की आसन्न शुरूआत के साथ मूल्य प्रतिस्पर्धा की स्थिति उसकी आय पर कुछ प्रभाव पड़ेगा।
भारती एयरटेल के प्रबंध निदेशक तथा सीईओ (भारत तथा दक्षिण एशिया) गोपाल विट्टल ने वित्तीय परिणाम के बारे में बातचीत के दौरान कहा, अगर आप हमारे पास जो मौजूदा स्पेक्ट्रम है, उसे देखे तो हमारी स्थिति काफी मजबूत है। हमें यहां-वहां कुछ अंतर पाटने के लिए स्पेक्ट्रम की जरूरत है। व्यापक रूप से स्पेक्ट्रम दृष्टिकोण से हमें इस समय तरंगों की बहुत जरूरत नहीं लगती।
मार्च 2015 में स्पेक्ट्रम की नीलामी में आइडिया सेल्युलर के बाद एयरटेल करीब 29,130 करोड़ रुपए के साथ दूसरी सबसे बड़ी बोलीदाता थी। इस नीलामी को सरकार को 1.1 लाख करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ जो अबतक का सर्वाधिक है। सरकार की सितंबर में स्पेक्ट्रम की नीलामी की योजना है। इसमें 5.66 लाख करोड़ रुपए मूल्य के 2300 मेगाहट्र्ज के दूरसंचार तरंगों की नीलामी की जानी है। रिलायंस जियो के आने से कीमत प्रतिस्पर्धा के बारे में टिप्पणी करते हुए विट्टल ने कहा, अगर दरें नीचे आती हैं, हमारी आय प्रभावित होगी लेकिन हम इस बात को लेकर प्रतिबद्ध है कि इसे नीचे नहीं आने दिया जाएगा।
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