नई दिल्ली। राजधानी में बनने वाले नए संसद भवन का ठेका देने में गड़बड़ी का आरोप लगाने वाले शपूरजी पलोनजी (एसपी) ग्रुप ने अब अपनी शिकायत वापस ले ली है। टाटा प्रोजेक्ट्स ने 861.5 करोड़ रुपए की बोली लगाकर नए संसद भवन के निर्माण का ठेका हासिल किया था। एसपी ग्रुप ने नीलामी प्रक्रिया में अनियमितता और हितों के टकराव का आरोप लगाने वाले अपने पत्र को वापस ले लिया है। सूत्रों ने बताया कि संबंधित सरकारी विभाग द्वारा पूरी प्रक्रिया में किसी तरह की अनियमितता न होने की बात कहने के बाद एसपी ग्रुप ने यह कदम उठाया है।
केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) को लिखे पत्र में एसपी समूह ने कहा कि वह इस मामले को आगे नहीं बढ़ाएगा। एक सूत्र ने बताया कि सेंट्रल विस्टा परियोजना प्रभाव-1, सीपीडब्ल्यूडी के कार्यकारी अभियंता को भेजे गए पत्र में लिखा है कि हम इस बात की सराहना करते हैं कि आपके कार्यालय ने विस्तृत आंतरिक समीक्षा और सभी मुद्दों तथा चिंताओं पर गहन चर्चा की और मूल्यांकन किया। एसपी समूह ने पत्र में आगे कहा कि हम आपके द्वारा यह पुष्टि करने की सराहना भी करते हैं कि बोली प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से पूरा किया गया और इसमें टीसीई (टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स) और टीपीएल (टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड) के बीच कोई हितों का टकराव नहीं है।
इससे पहले सितंबर में एसपी समूह ने सीपीडब्ल्यूडी को दो पत्र भेजे थे, जिसमें आरोप लगाया गया था कि इस प्रक्रिया में टीपीएल और टीसीई, दोनों की भागीदारी केंद्रीय सतर्कता आयोग के नियमों का उल्लंघन है। यह आरोप भी लगाया गया कि बोली पूर्व योग्यता के मानदंडों को बदला गया, ताकि टीपीएल बोली प्रक्रिया में भाग ले सके। सूत्र ने बताया कि अपने ताजा पत्र में एसपी समूह ने कहा कि आपके पूर्वोक्त स्पष्टीकरण के आधार पर हम मामले को आगे नहीं बढ़ाएंगे।
इस साल सितंबर में टीपीएल ने नए संसद भवन के निर्माण के लिए एलएंडटी लिमिटेड को पीछे छोड़कर 861.90 करोड़ रुपए में बोली हासिल की थी। एलएंडटी ने 865 करोड़ रुपए की बोली लगाई थी। चयनित सात कंपनियों में से केवल तीन- टाटा प्रोजेक्ट्स, एलएंडटी और एसपी ग्रुप- को फाइनल राउंड की बोली के लिए चुना गया था। नया संसद भवन का निर्माण सेंट्रल विस्टा रिडवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत मौजूदा भवन के पास किया जाएगा। इसके 21 माह में बनकर तैयार होने की उम्मीद है।
टाटा के साथ चल रही लड़ाई में एसपी ग्रुप ने पिछले माह कहा था कि अब 70 साल पुराना रिश्ता खत्म करने का समय आ गया है। टाटा संस में 18.37 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ एसपी ग्रुप सबसे बड़ा शेयरधारक है।