नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की सलाह पर भारत सरकार ने सॉवरेन गोल्ड बांड (SGB) स्कीम 2019-20 लांच कर दी है। RBI ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए सॉवरेन स्वर्ण बॉन्ड योजना की तारीखें, नियम और शर्ते जारी कर दी हैं। रिजर्व बैंक की वेबसाइट के मुताबिक, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) योजना निवेशकों के लिए इस साल चार सीरीज में पेश की जाएगी। भारत सरकार की सलाह के बाद आरबीआई ने इस बॉन्ड को जारी करने का फैसला किया है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स हर महीने जून 2019 से सितंबर 2019 तक जारी किए जाएंगे।
क्रम संख्या | सीरीज का नाम | अभिदान की तारीख | जारी होने की तारीख |
1 | 2019-20 श्रृंखला 1 | 03-07 जून 2019 | 11 जून 2019 |
2 | 2019-20 श्रृंखला 2 | 08–12 जुलाई 2019 | 16 जुलाई 2019 |
3 | 2019-20 श्रृंखला 3 | 05-09 अगस्त 2019 | 14 अगस्त 2019 |
4 | 2019-20 श्रृंखला 4 | 09-13 सितंबर 2019 | 17 सितंबर 2019 |
इसलिए लायी गई थी सॉवरेन गोल्ड बांड स्कीम
देश में सोने की मांग में कमी लाने तथा घरेलू बचत के लिए सोना खरीदने वाले लोगों को वित्तीय बचत में लाने के उद्देश्य से भारत सरकार ने महत्वपूर्ण सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना शुरू की थी। इस योजना से सोने के आयात पर सही तरीके से निगरानी भी रखी जा सकेगी। ऐसे में इसमें ट्रांसपेरेंसी भी होगी और निवेशकों को अपने सोने की सुरक्षा के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। साथ में ब्याज के रूप में कमाई का भी मौका होगा। इस योजना को भारत सरकार ने 2015 के बजट में पेश किया था।
यहां से खरीद सकते हैं सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड
जानकारी के मुताबिक, बॉन्ड की बिक्री अनुसूचित वाणिज्य बैंकों (लघु वित्त बैंक और भुगतान बैंकों के अलावा), स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL/एसएचसीआईएल) और कुछ चुनिंदा डाकघरों तथा मान्यता प्राप्त शेयर बाजारों जैसे भारतीय राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज (NSE/National Stock Exchange) लिमिटेड और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE/Bombay Stock Exchange) के माध्यम से की जाएगी।
इन तारीखों पर सॉवरेन स्वर्ण बॉन्ड की बिक्री
रिजर्व बैंक चार सीरीज में सॉवरेन स्वर्ण बॉन्ड योजना पेश करेगा। इनमें सबसे पहले सीरीज-1 के सॉवरेन स्वर्ण बॉन्ड आगामी 11 जून 2019 को जारी किए जाएंगे। इसके तहत अभिदान 3 से 7 जून के बीच किया जा सकेगा। इसी तरह अंतिम सॉवरेन स्वर्ण बॉन्ड 17 सितंबर 2019 को जारी होंगे। सॉवरेन स्वर्ण बॉन्ड योजना निम्न तारीखों के मुताबिक जारी किए जाएंगे।
इतनी मात्रा में कर सकते हैं खरीदारी
इस योजना के तहत न्यूनतम एक ग्राम सोने का बॉन्ड खरीद सकते हैं। व्यक्तिगत स्तर पर 4 किलोग्राम तक सोने के मूल्य का बॉन्ड खरीद सकते हैं। एक ग्राम सोने का एक यूनिट माना जाएगा। इसे व्यक्तिगत तौर पर, हिंदू अविभाजित परिवार, ट्रस्ट, विश्वविद्यालय या चैरिटेबल संस्था द्वारा खरीदा जा सकता है। संयुक्त खरीदार के मामले में पहले खरीदार के लिए चार किलोग्राम की खरीद सीमा होगी।
इतने साल की अवधि
बॉन्ड की अवधि 8 वर्ष की होगी और 5वें वर्ष से इससे हटने का विकल्प होगा जिसका प्रयोग ब्याज तय तारीखों पर किया जा सकेगा। बॉन्ड के लिए भुगतान नकदी में (अधिकतम 20,000 रुपए तक) या मांग ड्राफ्ट या चेक या इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग के माध्यम से होगा।
ये दस्तावेज देने होंगे
इस योजना में निवेश के लिए अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी) मानदंड वहीं होंगे जो वास्तविक सोने की खरीद के लिए होते हैं। केवाईसी दस्तावेज जैसे मतदाता कार्ड, आधार कार्ड/पैन या टैन/पासपोर्ट जरूरी होंगे। प्रत्येक आवेदन के साथ आयकर विभाग द्वारा निवेशक/ निवेशकों को जारी 'पैन नंबर' होना चाहिए।
कैसे काम करेगा सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम
इस योजना के अंतर्गत रिजर्व बैंक सरकार की ओर से बॉन्ड जारी किए जाते हैं। ये बॉन्ड्स बैंकों और पोस्ट ऑफिस में सोन के एक ग्राम के मूल्य में बेचे जाते हैं। इसके बाद ये बॉन्ड्स सोने के दाम से लिंक किए जाते हैं और निवेशक बॉन्ड के मूल्य को कैश में पे करते हैं। यानी आप भौतिक रूप से सोना नहीं खरीदते हैं लेकिन आपके पैसों से आरबीआई सोने के मूल्य के बराबर बांड का सर्टिफिकेट दे देता है। इसमें फायदा यह होता है कि सोने की बढ़ती कीमत के लाभ के साथ आरबीआई आपको ब्याज भी देता है?
यहां जानिए गोल्ड बांड के बारे में सब कुछ
उत्पाद |
विवरण |
नाम |
सॉवरेन गोल्ड बांड (Sovereign Gold Bond 2019-20) |
जारीकर्ता |
भारत सरकार |
कौन खरीद सकता है |
व्यक्तिगत, हिंदु अविभाजित परिवार, ट्रस्ट, यूनिवर्सिटीज, चैरिटेबल संस्थाएं। |
कितना खरीद सकते हैं |
एक ग्राम एक यूनिट माना जाएगा। आप प्रति यूनिट के हिसाब से बांड बुक कर सकते हैं। |
न्यूनतम कितना खरीद सकते हैं। |
न्यूनतम एक ग्राम सोने का बांड खरीद सकते हैं। |
अधिकतम खरीद सीमा |
व्यक्तिगत स्तर पर चार किलो यानी 4000 ग्राम या 4 हजार यूनिट खरीद सकते हैं। हिंदू अविभाजित परिवार के लिए भी यही क्राइटएरिया है। जबकि ट्रस्ट के लिए 20 किलो की सीमा है। |
समयावधि |
बांड की अवधि आठ साल के लिए होगी। हालांकि पांच साल के बाद आप बांड को सरेंडर कर अपनी रकम वापस ले सकती है। |
संयुक्त खरीदार |
संयुक्त खरीदार के मामले में पहले आवेदक के लिए चार किलो की खरीद सीमा तय रहेगी। |
इश्यू की कीमत |
रजिस्ट्रेशन से पहले भारतीय बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड द्वारा सप्ताह के अंतिम 3 कार्य दिवसों की 999 शुद्धता वाले सोने की साधारण कीमत के आधार पर बॉन्ड की कीमत तय की जाएगी। यही नहीं, गोल्ड बॉन्ड्स का निर्गम मूल्य उन लोगों के लिए 50 रुपये प्रति ग्राम कम होगा जो ऑनलाइन सदस्यता लेते हैं और डिजिटल मोड के माध्यम से भुगतान करते हैं। |
भुगतान कैसे करें |
20 हजार रुपए तक कैश व इससे ज्यादा की राशि पर डिमांड ड्राफ्ट, चेक और डिजिटल मोड पर भुगतान कर सकते हैं। |
बांड की मियाद खत्म होते ही क्या फायदा मिलेगा? |
बांड की मियाद खत्म होने पर उसकी कीमत सप्ताह के आखिरी तीन दिन की सोने की कीमत आधार पर तय होगी। भारतीय बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड द्वारा प्रकाशित कीमत ही मान्य होगी। |
बांड के लिए कहां संपर्क करें ? |
बॉन्ड्स की बिक्री बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL), नामित डाकघरों (जैसा कि अधिसूचित किया जा सकता है) और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया लिमिटेड और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से या सीधे या एजेंटों के माध्यम से की जाएगी। |
ब्याज दर कितनी है? |
निवेशकों को प्रतिवर्ष 2.50 प्रतिशत प्रतिवर्ष देय दर पर मुआवजा दिया जाएगा। |
क्या कर्ज ले सकते हैं? |
बांड का उपयोग कर्ज लेने के लिए भी किया जा सकता है। कर्ज की सीमा समय-समय पर रिज़र्व बैंक द्वारा अनिवार्य साधारण स्वर्ण ऋण के बराबर निर्धारित की जाएगी। |
KYC दस्तावेज |
केवाईसी मानदंड बैंक जैसे ही होंगे। केवाईसी दस्तावेज जैसे वोटर आईडी, आधार कार्ड / पैन या टैन / पासपोर्ट की आवश्यकता होगी। प्रत्येक आवेदन को आयकर विभाग द्वारा व्यक्तियों और अन्य संस्थाओं को जारी किए गए पैन नंबर ’के साथ होना चाहिए। |
गोल्ड बांड पर टैक्स कितना आएगा? |
गोल्ड बांड पर ब्याज आयकर अधिनियम, 1961 (1961 का 43) के प्रावधान के अनुसार टैक्स योग्य होगा। किसी व्यक्ति को गोल्ड बांड को भुनाने पर उत्पन्न होने वाले पूंजीगत लाभ कर में छूट दी गई है। बांड के हस्तांतरण पर किसी भी व्यक्ति को होने वाले दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ के लिए सूचकांक लाभ प्रदान किया जाएगा। |
कमीशन |
बांड के वितरण के लिए कमीशन 1% की दर से होगा। एजेंटों या उप एजेंटों के साथ प्राप्त कमीशन का कम से कम 50% हिस्सा होगा। |