नई दिल्ली। देश में 4 महीने लंबे मॉनसून सीजन की शुरुआत हो गई है। मौसम विभाग ने आज जानकारी दी है कि मॉनसून केरल पहुंच चुका है। यहां मॉनसून की बारिश अपने तय वक्त से ही शुरू हुई है। आम तौर पर मॉनसून 1 जून तक केरल पहुंच जाता है, और इसमें एक दिन पहले या देरी पर भी माना जाता है कि मॉनसून वक्त पर आया है।
मौसम पर नजर रखने वाली निजी क्षेत्र की स्काईमेट ने 30 मई को ही केरल में मॉनसून पहुंचने का ऐलान कर दिया था। हालांकि मौसम विभाग ने आज मॉनसून पहुंचने का ऐलान किया है। भारत के लिए मॉनसून काफी अहम है। देश में होने वाली कुल बारिश की तीन चौथाई बारिश मॉनसून के दौरान होती है, ऐसे में सिंचाई आधारित कृषि को सहारा देने के लिए मॉनसून का योगदान सबसे ज्यादा होता है। एक अच्छे मॉनसून की मदद से पैदावार बढ़ती है वहीं देश के जलाशयों को भी भरने में मदद मिलती है, जिससे बाकी साल पानी की जरूरतें पूरी की जाती है।
इस साल सामान्य मॉनसून का अनुमान दिया गया है, जिसके आधार पर सरकार रिकॉर्ड पैदावार की भी उम्मीद जता रही है। बेहतर उपज से ग्रामीण इलाकों की आय बढेगी और कोरोना संकट के बाद अर्थव्यवस्था को रिकवरी में मदद मिलेगी।
भारत की मुख्य भूमि यानि केरल और तमिल नाडु के तटों पर सामान्य रूप से पहली जून तक मॉनसून की बारिश शुरू हो जाती है। वहीं मॉनसून 15 जून तक देश का अधिकांश हिस्सा कवर कर लेता है। सामान्य चाल में जुलाई के पहले हफ्ते तक मॉनसून की बारिश पूरे देश में होने लगती है।