नई दिल्ली। दलालों द्वारा एक साथ थोक में रेल टिकट ब्लॉक करने, फर्जी बुकिंग और किसी और के टिकट पर यात्रा करने जैसे मामलों पर रोक लगाने के लिए रेलवे जल्द ही आधार आधारित ऑनलाइन टिकटिंग सिस्टम की शुरुआत करेगी।
रेलवे ने पहले ही वरिष्ठ नागरिकों के लिए ट्रेन टिकट पर छूट प्राप्त करने के लिए एक अप्रैल से आधार को अनिवार्य कर दिया है। यह फिलहाल तीन महीने के लिए प्रायोगिक तौर पर लागू है।
रेल मंत्री सुरेश प्रभु द्वारा गुरुवार को जारी किए गए नए बिजनेस प्लान 2017-18 के मुताबिक आधार आधारित टिकटिंग व्यवस्था के अलावा रेलवे कैशलेस टिकटिंग की दिशा में भी आगे बढ़ेगी। इसके लिए देशभर में 6,000 प्वाइंट-ऑफ-सेल (पीओएस) मशीनें और 1,000 स्वचालित टिकट वेंडिंग मशीनें लगाई जाएंगी।
- कैशलेस टिकट रिजर्वेशन को बढ़ावा देने के लिए मई महीने में एकीकृत मोबाइल एप भी लॉन्च की जाएगी।
- आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन के लिए एक बार आधार नंबर की जरूरत होगी।
- इस कदम का उद्देश्य दलालों द्वारा फर्जी पहचान के आधार पर रजिस्ट्रेशन कराने की संभावना को खत्म करना है।
- एक वरिष्ठ रेल अधिकारी ने बताया कि रेलवे इसके लिए एक सॉफ्टवेयर भी तैयार कर रहा है।
- नए बिजनेस प्लान के मुताबिक रेलवे नई पर्यटक रेलगाड़ियां शुरू करने पर विचार कर रहा है जो हिल स्टेशनों को जोड़ेंगी।
- रेलवे लोगों की यात्रा को सहज और सरल बनाने की दिशा में काम करते हुए एक समग्र मोबाइल एप भी शुरू करेगा।
- इसके जरिये टिकट और टैक्सी बुक करने से लेकर यात्रा से जुड़ी अन्य सुविधाओं का भी लाभ उठाया जा सकेगा।
फ्रेट कस्टमर्स को दिया जाएगा डिस्काउंट
- रेलवे ने अपने एक्शन प्लान में फ्रेट कस्टमर्स को डिस्काउंट देने की भी बात कही है।
- इसके तहत 1.5 प्रतिशत से लेकर 35 प्रतिशत तक डिस्काउंट दिया जाएगा।
- इस डिस्काउंट के जरिये रेलवे फ्रेट बिजनेस में दोबारा अपना वर्चस्व कायम करना चाहती है।
- योजना के तहत डिस्काउंट पाने वाले कस्टमर्स को प्रति वर्ष न्यूनतम 10 लाख टन माल ढुलाई सुनिश्चित करनी होगी।