अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम को एक बड़ा इन्वेस्टर मिल गया है। गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम में अपना सोना जमा करने वालों में गुजरात का सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट पहला मंदिर होगा। मंदिर के ट्रस्टियों ने, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हैं, ने गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत मंदिर का सोना जमा करने को अपनी मंजूरी दे दी है।
मंदिर ट्रस्ट के पास तकरीबन 35 किलो सोना है और मंदिर के दैनिक उपयोग में न आने वाले सोने को इस योजना में जमा किया जाएगा। ट्रस्ट के सचिव पीके लाहिरी, जो कि सोमनाथ मंदिर के एक ट्रस्टी भी हैं, ने बताया कि 12 जनवरी को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निवास पर आयोजित हुई मंदिर ट्रस्टियों की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। सोमनाथ मंदिर गिर-सोमनाथ जिले में स्थित है। लाहिड़ी ने कहा, बैठक के दौरान सभी ट्रस्टियों ने इस बात पर सहमति जताई कि रोजमर्रा के काम नहीं आने वाले मंदिर के स्वर्ण भंडार को गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम में जमा करा दिया जाना चाहिए। सोमनाथ मंदिर के अन्य ट्रस्टियों में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल भी शामिल हैं, जो ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं। ट्रस्ट में वरिष्ठ भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी, हर्षवर्द्धन न्योतिया और जेडी परमार भी शामिल हैं। बैठक के दौरान सभी ट्रस्टी मौजूद थे। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को 12 जनवरी की बैठक के दौरान सातवें ट्रस्टी के तौर पर नियुक्त भी किया गया।
गुजरात में तीन प्रमुख मंदिर हैं, सोमनाथ मंदिर, देवभूमि में द्वारिकाधीश मंदिर और बनासकांठा जिले का अंबाजी मंदिर। इन सभी का संचालन संबंधित ट्रस्ट करते हैं, जिनका संचालन गुजरात पवित्र यात्राधाम विकास बोर्ड करता है। फिलहाल बहरहाल, सोमनाथ मंदिर के अलावा गुजरात के किसी अन्य प्रमुख मंदिर, जिनके पास पर्याप्त स्वर्ण भंडार है, ने इस योजना में रुचि नहीं दिखाई है। द्वारिकाधीश मंदिर ने इस योजना पर अभी कोई विचार नहीं किया है, जबकि अंबाजी मंदिर संचालकों ने फिलहाल योजना के तहत सोना जमा कराने की किसी तरह की संभावना को सिरे से खारिज कर दिया।
देवभूमि-द्वारिका के जिलाधीश और द्वारिकाधीश मंदिर ट्रस्ट समिति के पदेन अध्यक्ष एचके पटेल के मुताबिक अभी इस योजना के तहत सोना जमा करने के संबंध में कोई औपचारिक चर्चा नहीं हुई है। बनासकांठा जिलाधीश और अंबाजी मंदिर ट्रस्ट समिति के अध्यक्ष दिलीप राणा ने योजना के तहत मंदिर का सोना जमा करने की किसी संभावना से इनकार किया। राणा ने कहा, फिलहाल मुख्य मंदिर को सोने की परत चढ़ाने का काम चल रहा है। हमें फिलहाल जो भी सोना या नकदी मिल रही है वह मंदिर के बाहरी सतह की साज-सज्जा में लग रहा है। इसलिए इस परियोजना के पूरा होने तक गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत सोना जमा करने का सवाल ही पैदा नहीं होता।