वॉशिंगटन। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार हालांकि, व्यापारिक रिश्तों को मजबूत बनाने पर काफी ध्यान दे रही है लेकिन अभी भी उसकी कई नीतियां ऐसी हैं, जो कि भारत में काम कर रहे अमेरिकी विनिर्माताओं और व्यावसायिक कंपनियों के साथ भेदभाव करती हैं। एक अमेरिकी व्यापारिक संगठन ने यह बात कही है।
भारत में उचित व्यापार परिवेश पर नजर रखने वाली संस्था एलायंस फॉर फेयर ट्रेड विथ इंडिया (AFTI) की यह रिपोर्ट अंतरराष्ट्रीय व्यापार आयोग (ITC) की भारत में 2014-15 के दौरान व्यापार और निवेश नीतियों पर रिपोर्ट जारी होने के एक दिन बाद आई है। AFTI की इस रिपोर्ट में उद्योग विशेष के मामलों का विस्तृत अध्ययन किया गया है और इसमें कहा गया है कि भारत में अभी भी कई ऐसी नीतियां हैं, जो कि भारत में काम कर रहे अमेरिकी विनिर्माताओं और व्यवसायियों का रास्ता रोकतीं हैं, अथवा उनके साथ भेदभाव करतीं हैं।
AFTI ने अपनी रिपोर्ट में जहां एक तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के व्यापार बढ़ाने के प्रयासों और भारत सरकार के नीतिगत मुद्दों पर बातचीत करने को सकारात्मक कदम बताया है, वहीं यह कहा गया है कि भारत के व्यावसायिक और निवेश परिवेश में सुधार लाने के लिए उल्लेखनीय सुधारों को किया जाना अभी बाकी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि हम दोनों देशों के नीति-निर्माताओं के साथ काम करने के लिए तत्पर हैं, जिसमें भारत में नीतियों में इस तरह सुधार हो, जिससे कि व्यापार और निवेश की रुकावटें दूर हो सकें। इसके साथ ही बौद्धिक संपदा और नवोन्मेषी माहौल बने, जिससे कि अमेरिका के साथ-साथ भारतीय व्यवसाय की भी वृद्धि हो।
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