कोयंबटूर: तमिलनाडु के विभिन्न भागों में कोविड-19 महामारी के फिर से बढ़ने के बीच राज्य के कुछ उद्योगपति स्वास्थ्य संकट को देखते हुए प्रवासी मजदूरों के अपने घरों को लौटने को लेकर आशंकित हैं। उद्योग जगत से जुड़े सूत्रों ने यह कहा। उद्योग अभी कोविड-19 संकट के पहले दौर के झटके से उबरा ही है। उस समय कोयंबटूर और तिरूपुर स्थित उद्योगों में काम करने वाले करीब एक लाख प्रवासी मजदूर विशेष ट्रेनों से बिहार, उत्तर प्रदेश और ओड़िशा स्थित अपने घरों को लौट गये थे। पिछले सप्ताह कुछ श्रमिक कथित रूप से अपने गांवों को लौट चुके हैं।
इसका कारण कोरोना संकट के बीच ट्रेन जैसे परिवहन के साधनों की उपलब्धता को लेकर आशंका है। सूत्रों के अनुसार हालांकि फिलहाल उद्योगों से बड़े स्तर पर श्रमिकों का पलायन नहीं हुआ है। कामगार साप्ताहिक भुगतान के आधार पर काम कर रहे हैं और पिछले शनिवार को उन्होंने अपनी पगार ली है। कोयंबटूर और तिरूपुर में संक्रमण के मामले बढ़े हैं और मजदूरों के पलायन की सही तस्वीर का पता एक-दो सप्ताह के बाद ही चलेगा। तिरूपुर एक्सपोर्टर्स एसोसएिश्न के एक सूत्र ने कहा कि फिलहाल अबतक किसी भी श्रमिक ने शहर नहीं छोड़ा है। तिरूपुर सिले-सिलाये और बुने हुए कपड़ों का बड़ा बाजार है। यहां काम करने वाले तीन लाख कामगारों में 80 प्रतिशत बिहार, उत्तर प्रदेश और ओड़िशा जैसे राज्यों से हैं।