नयी दिल्ली। सौर ऊर्जा को सस्ता बनाने को लेकर सरकार की कोशिशें रंग लाती दिख रही हैं। उत्पादन लागत घटने के चलते इससे जुड़ी कंपनियां भी काफी उत्साहित हैं। कंपनियां को उम्मीद है कि यह दर 1.5 रुपए प्रति यूनिट पर आ सकती है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान में भादला सौर पार्क के लिये पिछले महीने नीलामी में सौर ऊर्जा की लागत 2.44 रुपए प्रति यूनिट पर आ गयी। इसका मुख्य कारण उपकरण और कर्ज की लागत में कमी है। सौर बिजली की नई दर सार्वजनिक क्षेत्र की एनटीपीसी की कोयला आधारित बिजली की औसत दर 3.30 रुपए प्रति यूनिट से कम है।
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के एक सू़त्र ने कहा, कंपनियां अक्षय ऊर्जा खासकर सौर ऊर्जा को लेकर उत्साहित हैं। वे सोचते हैं कि उपकरण की लागत में कमी तथा विभिन्न स्रोतों से सस्ते कर्ज की उपलब्धता को देखते हुए 2.44 रुपए प्रति यूनिट की दर भी अधिक है। सूत्र ने कहा, कंपनियां एक और आक्रमक बोली के लिये तैयार हैं और सोचती हैं कि 1.5 रुपए प्रति यूनिट सौर बिजली शुल्क व्यवहारिक है। यह भी पढ़ें : सौर ऊर्जा की औसत दर अब तक के सबसे निचले स्तर पर, एक यूनिट की कीमत 3.15 रुपए पर पहुंची
उल्लेखनीय है कि 7-8 साल पहले एक मेगावाट सौर उपकरण की लागत 20 करोड़ रुपए बैठती थी और शुल्क करीब 15 रुपए प्रति यूनिट था। लेकिन समय और पैमाने की मितव्ययिता के साथ उपकरण की लागत आज 4 से 4.5 करोड़ रुपए के बीच है। साथ ही कर्ज की लागत करीब 4 प्रतिशत कम हुई है। इसी प्रकार, पवन ऊर्जा के मामले में इस साल की शुरूआत में शुल्क 3.46 रुपए प्रति यूनिट पर आ गया।
सूत्र ने कहा कि अक्षय ऊर्जा खरीद बाध्यता को कड़ाई से लागू करने, उपकरण की कम लागत तथा सस्ता कर्ज से अक्षय ऊर्जा की दरें आने वाले समय में और कम होंगी। यह भी पढ़ें : संभालकर रखें बंद हो चुके पुराने 500 और 1000 के नोट, जुलाई में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने की है उम्मीद