टोक्यो/बीजिंग। जापान की दूरसंचार कंपनी सॉफ्टबैंक ने कहा है कि वह चीन की दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा में अपने कुल शेयर में से 7.9 अरब डॉलर मूल्य की हिस्सेदारी बेचेगी। जापानी कंपनी बढ़ते कर्ज में कमी लाना चाहती है, जिसके लिए वह हिस्सेदारी बेच रही है। अरबपति मसायोशी सोन की अगुवाई वाली दूरसंचार कंपनी ने पहली बार 2000 में अलीबाबा में निवेश किया था और अलीबाबा अब दुनिया की प्रमुख ऑनलाइन रिटेल कंपनी बन गई है। हाल के वर्षों में सॉफ्टबैंक ने कई कंपनियों का अधिग्रहण किया है। इसमें अमेरिका की मोबाइल कंपनी स्प्रिंट का 16 अरब डॉलर में अधिग्रहण शामिल हैं।
सॉफ्टबैंक का भारत में निवेश 10 अरब डॉलर के पार पहुंचने की उम्मीद
ब्लूमबर्ग की खबर के अनुसार लेकिन विभिन्न कंपनियों के अधिग्रहण से सॉफ्टबैंक की वित्तीय स्थिति पर असर पड़ा है। उसका कुल कर्ज मार्च के अंत तक 11,920 अरब येन (106 अरब डॉलर) पर पहुंच गया, जो तीन साल पहले के कर्ज के मुकाबले करीब तीन गुना है। सॉफ्टबैंक, अलीबाबा का सबसे बड़ा शेयरधारक है। कंपनी ने बुधवार को कहा कि उसने पूंजी जुटाने की योजनाओं को मंजूरी दी है, जिसमें अलीबाबा में कुछ हिस्सेदारी बेचना शामिल है।
एआईआईबी के साल के अंत तक 100 सदस्य होंगे
चीन प्रायोजित एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (एआईआईबी) ने कहा कि वह साल के अंत तक अपनी सदस्यता बढ़ाकर करीब 100 करेगा। एआईआईबी के भारत और 56 अन्य देश संस्थापक सदस्य हैं। एआईआईबी के अध्यक्ष जिन लिक्युन ने कहा कि करीब 30 देश एआईआईबी से जुड़ने का इंतजार कर रहे हैं और उनमें से 20 ने ठोस प्रतिबद्धता जताई है।
जिन लिक्युन ने कहा कि हालांकि, अमेरिका तथा जापान ने बैंक से जुड़ने से मना कर दिया है लेकिन सभी देश, चाहे वे सदस्य हों या नहीं, साथ मिलकर काम करेंगे। उन्होंने कहा कि बैंक इस महीने पहले दौर की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की घोषणा करेगा और दूसरे तथा तीसरे दौर की घोषणा इस साल के अंत तक की जाएगी। बीजिंग स्थित एआईआईबी का गठन 100 अरब डालर की प्राधिकृत पूंजी के साथ पिछले साल हुआ। चीन 26.06 फीसदी वोटिंग हिस्सेदारी के साथ इसमें सबसे बड़ा शेयरधारक है। भारत की इसमें 7.5 फीसदी, रूस की 5.93 फीसदी और जर्मनी की 4.5 फीसदी हिस्सेदारी है।