टोक्यो। जापान के SoftBank ग्रुप कॉर्प का वित्त वर्ष 2016-17 के लिए पूरे साल का ऑपरेटिंग मुनाफा 13 प्रतिशत बढ़ा है। लागत में कटौती और कंपनी के अमेरिका में वायरलेस यूनिट स्प्रिंट कॉर्प के सब्सक्राइबर्स बढ़ने से लाभ में यह बढ़ोतरी हुई है। वहीं दूसरी ओर 2016-17 में सॉफ्टबैंक को भारत में स्नैपडील और ओला जैसी भारतीय स्टार्टअप कंपनियों में निवेश से 1.4 अरब डॉलर (9,000 करोड़ रुपए) का नुकसान हुआ है।
सॉफ्टबैंक ने एक बयान में कहा कि सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉरपोरेशन (एसबीजी) को मार्च 2017 में समाप्त वित्त वर्ष में वित्तीय निवेश में 16041.9 करोड़ जापानी येन का नुकसान हुआ। इनमें इंफोटेक (स्नैपडील) तथा एएनआई टेक्नोलॉजीज (ओला) के तरजीही शेयरों में निवेश शामिल है। सॉफ्टबैंक को स्नैपडील में किए गए निवेश के मूल्यांकन में एक अरब डॉलर की कमी दर्ज करनी पड़ी। सॉफ्टबैंक ने ओला, स्नैपडील और इलारा टेक्नोलॉजीज जैसी भारतीय कंपनियों में अरबों डॉलर का निवेश किया है। इलारा टेक्नोलॉजीज के पास प्रोप टाइगर, हाउसिंग और मकान डॉट कॉम का स्वामित्व है।
सॉफ्टबैंक के सीईओ मासायोशी सन ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा कि वह यूएस टेलीकॉम इंडस्ट्री को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए खुले दिमाग से स्प्रिंट और टी मोबाइल के विलय को लेकर चर्चा करने के लिए तैयार हैं। सन ने कहा कि टी-मोबाइल संभावित सौदे के लिए बेहतर उम्मीदवार है, लेकिन उन्होंने कहा कि यहां और भी संभावनाएं मौजूद हैं। स्प्रिंट में सॉफ्टबैंक की 83 प्रतिशत हिस्सेदारी है। मार्च में समाप्त वित्त वर्ष के लिए मुनाफा बढ़कर 1.026 लाख करोड़ येन (9 अरब डॉलर) हो गया।
100 अरब डॉलर का फंड
कंपनी ने अपने वित्तीय परिणामों की घोषणा 100 अरब डॉलर का फंड लॉन्च करने से पहले की है। इस फंड का लक्ष्य सॉफ्टबैंक को टेक इंडस्ट्री का बर्कशायर हैथवे बनाने का है। सॉफ्टबैंक की चीन की ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा में भी हिस्सेदारी है। अगले पांच सालों के दौरान इस फंड में 25 अरब डॉलर का निवेश किए जाने की उम्मीद है। यह फंड सॉफ्टबैंक को दुनिया का सबसे बड़ा प्राइवेट इक्विटी इनवेस्टर बनाएगा।
सॉफ्टबैंक ने चालू वर्ष के लिए कोई अनुमान जारी नहीं किया है, कंपनी ने कहा है कि यहां कई सारे अनिश्चित कारक हैं। सॉफ्टबैंक ग्रुप ने कहा है कि उसे पिछले वित्त वर्ष में 252.8 अरब येन (2.2 अरब डॉलर) का डेरीवेटिव नुकसान हुआ है। इस नुकसान की प्रमुख वजह चीन की ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा ग्रुप होल्डिंग्स के कारण हुआ है। अलीबाबा में सॉफ्टबैंक की 29.9 प्रतिशत हिस्सेदारी है। पिछले साल सॉफ्टबैंक ने अपना कर्ज कम करने के लिए अलीबाबा में 7.9 अरब डॉलर के शेयर बेचे थे।