नई दिल्ली। स्नैपडील (Snapdeal), ओला (OLA Cabs), ओयो रूम (OYO Rooms), ग्रॉफर्स (Grofers), हाउसिंग डॉट कॉम (Housing.com) इनमोबी InMobi) समेत तमाम ऐसे इंडियन स्टार्टअप्स हैं, जिन्होने कम समय में ही देश के तमाम महानगरों और छोटे शहरों में अपने पैर पसारे हैं। अपने व्यवसाय की वजह से निश्चित तौर पर ये स्टार्टअप्स मूल रूप से अलग हैं लेकिन एक चीज ऐसी है जो इन सभी स्टार्टअप्स को एक कतार में खड़ा कर देती है। ये तमाम उन इंडियन स्टार्टअप्स के नाम हैं, जिनमें जापान का सॉफ्टबैंक ग्रुप प्रमुख निवेशक के रूप में जुड़ा है। यही कारण है कि जब 10 मई को सॉफ्टबैंक ने वित्त वर्ष 2015-16 के लिए अपने नतीजे पेश किए तो इन कुछ स्टार्टअप्स से जुड़े ऐसे तथ्य सामने आए, जो निश्चित तौर पर चौंकाने वाले हैं।
स्टार्टअप्स से जुड़ी तमाम जानकारियां क्यों नहीं हो पाती सार्वजनिक
डिजिटल इंडिया के दौर में तेजी से बढ़ रही इंटरनेट कनेक्टिविटी तमाम स्टार्टअप्स के लिए निश्चित तौर पर एक अवसर एक रूप में है, क्योंकि प्रत्यक्ष रूप से ज्यादा से ज्यादा लोगों का इंटरनेट से जुड़ना अप्रत्यक्ष रूप से इन स्टार्टअप्स के लिए बड़ा बाजार है। लेकिन इन स्टार्टअप्स का शेयर बाजार में लिस्ट न होना और कंपनियों में पूंजी की आवश्यकता का कुछ ही स्रोतों से पूरा हो जाना, इनकी तमाम जानकारियों को कुछ हाथों तक ही सीमित रखता है। ऐसे में सॉफ्टबैंक के नतीजों की रोशनी में टॉप इंडियन स्टार्टअप्स की सेहत को देखना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।
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Snapdeal
देश की दूसरी सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी Snapdeal की बिक्री पिछले वित्त वर्ष की तुलना में इस साल कम रही है। वित्त वर्ष 2014-15 में स्नैपडील की कुल ब्रिकी (GMV) में 301 फीसदी की तेजी देखने को मिली थी, जो वित्त वर्ष 2015-16 में महज 90 फीसदी रही। अगस्त 2015 में स्नैपडील ने मार्केट लीडर Flipkart को पछाड़ने की बात कही थी लेकिन कंपनी अपने इस लक्ष्य से चूकती दिखी। साथ ही कंपनी ने अब अपनी सफलता के पैमाने कुल ब्रिकी से बदलकर कुल यूजर्स की संख्या पर क्रेंद्रित कर दिए।
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OYO Rooms
सॉफ्टबैंक ने अपने प्रजेंटेशन में इस बात का जिक्र किया कि बजट होटल सेग्मेंट में काम कर रही कंपनी ओयो रूम्स अब मुनाफे वाली कंपनी बन चुकी है। ओयो रूम्स अब किराए पर दिए जाने वाले हर कमरे में मुनाफा कमा रही है। ओयो रूम्स इस समय कुल 17 भारतीय शहरों में अपनी सुविधाएं दे रहा है। पिछले महीने ही कंपनी ने 10 करोड़ डॉलर की फंडिंग जुटाई है। ज्यादातर इंडियन स्टार्टअप्स के लिए मुनाफे में आना चुनौती बना हुआ है।
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Ola
ओला इस समय भारत में ग्राहकों और गाड़ियों की संख्या के मामले में सबसे बड़ी कंपनी बनी हुई है। सॉफ्टबैंक के ग्रुप चीफ एग्जीक्यूटिव मासायोशी सन ने कहा कि उबर ने इंटरनेट का इस्तेमाल कर गाड़ियों से जुड़े व्यवसाय का चेहरा बदल दिया। साथ ही उन्होनें कहा लेकिन हमारी ग्रुप कंपनी ओला अभी इस सेग्मेंट की सबसे बड़ी कंपनी है। यह उबर के बिजनेस मॉडल पर ही काम करने वाली कंपनी है। सॉफ्टबैंक के मुताबिक वित्त वर्ष 2016 में ओला ने कैब आने के अनुमानित समय (Expected time of arrival of cab) में 55 फीसदी का सुधार किया है। इसका सीधा मतलब यह हुआ कि अगर आप ओला के माध्यम से कैब बुक करते हैं तो अब आपको पहले की तुलना में आधा इंतजार करना पड़ेगा। दिसंबर 2015 तक ओला देश के 100 शहरों में अपना कारोबार फैला चुकी है जबकि उबर की उपस्थिति महज 24 शहरों तक ही सीमित है। भारत के 80 फीसदी बाजार पर फिलहाल ओला का कब्जा है।
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Hike
इंस्टेंट मैसेंजिंग कारोबार से जुड़ी कंपनी हाइक 10 करोड़ भारतीय को जोड़ने वाली पहली भारतीय कंपनी बन चुकी है। मार्च 2016 में हर महीने हाइक के माध्यम से भेजे जाने वाले मैसेज 2.4 गुना हो गए हैं। जापान में चलने वाली एप Line की तरह Hike मैसेंजर भारत में दूसरे स्थान पर है। सॉफ्टबैंक का हाइक मैसेंजर में 40 फीसदी की हिस्सेदारी है। हाइक मैसेंजर एप भारती एयरटेल के फाउंडर सुनील भारती मित्तल के बेटे कैविन मित्तल ने शुरू की थी। इसको भारती एयरटेल और सॉफ्टबैंक की संयुक्त उपक्रम वाली कंपनी भारती सॉफ्टबैंक ने अप्रैल 2014 में 1.4 करोड़ डॉलर की फंडिंग दी थी। हाइक मैसेंजर का सीधा मुकाबला WhatsApp से है।
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