नई दिल्ली। भारतीय कंपनियों के जापान में तैनात कर्मचारियों को अब पहली अक्टूबर से उस देश में अपने वेतन से सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लिए कटौती कराने की जरूरत नहीं होगी। यह छूट दोनों देशों की सरकारों के बीच हुए समझौते के तहत दोनों पक्षों के कर्मचारियों को एक दूसरे के यहां दी जाएगी।
इसके लिए कर्मचारियों को केवल इस आशय का प्रमाण-पत्र पेश करना होगा कि उनके अपने देश में उनका ईपीएफ (भविष्य निधी) या पेंशक कोष में अंशदान कटता है। श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा है, भारत और जापान के बीच सामाजिक सुरक्षा समझौता एक अक्टूबर 2016 से प्रभावी होगा। इसके साथ कुल 16 सामाजिक सुरक्षा समझौते परिचालन में आ चुके होंगे।
बयान के मुताबिक विदेश मंत्रालय ने सामाजिक सुरक्षा समझौतों पर विचार-विमर्श और इसे अंतिम स्वरूप देने से जुड़े प्रमुख प्राधिकार- कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के साथ मिलकर समझौते की औपचारिकताएं पूरी कीं ताकि इसे लागू किया जा सके। भारत और जापान के बीच सामाजिक सुरक्षा समझौते पर 16 नवंबर 2012 को तोक्यो में हस्ताक्षर किए गए थे। ऐसे द्विपक्षीय समझौते विदेश में काम करने वाले भारतीय पेशेवरों और कुशल श्रमिकों के हितों की सुरक्षा के लिए किए जाते हैं। भारत ने अब तक 19 देशों के साथ सामाजिक सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किया है। अब तक 15 देशों में ये समझौते परिचालन में हैं।
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