नई दिल्ली। ई-कॉमर्स कंपनी स्नैपडील की अपनी प्रतिद्वंद्वी कंपनी शॉपक्लूज का अधिग्रहण किए जाने की संभावना नहीं है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। दोनों कंपनियां पूरी तरह से शेयरों पर आधारित अधिग्रहण के लिए बातचीत की प्रक्रिया में थीं। दोनों कंपनियां पहले भी अधिग्रहण के लिए इस तरह की बातचीत कर चुकी हैं।
मामले से जुड़े करीबी सूत्रों ने बताया कि सलाहकार फर्म अर्नस्ट एंड यंग के मूल्यांकन में कुछ निष्कर्ष सामने आएं हैं, जिसे लेकर चिंताएं हैं। स्नैपडील के प्रवक्ता ने गोपनीय प्रोटोकॉल का हवाला देते हुए शॉपक्लूज के साथ बातचीत की स्थिति या मूल्यांकन रिपोर्ट के निष्कर्षों पर टिप्पणी करने से इनकार किया है। शॉपक्लूज ने भी इस पर प्रतिक्रिया देने से मना किया है।
सूत्रों ने कहा कि ऑर्डर की संख्या गिरने, खरीदारों द्वारा सामान (ऑर्डर) वापस करने की घटनाएं अधिक होना, बकाया देनदारी और मुकदमेबाजी की आशंका जैसी चिंताएं शॉपक्लूज को स्नैपडील के लिए आकर्षक विकल्प नहीं बनाती है।
एक अन्य सूत्र ने कहा कि शॉपक्लूज अन्य प्लेटफॉर्म के साथ विकल्प तलाश रही है। हालांकि, ये अभी शुरुआती चरण में है। शॉपक्लूज ने ई-मेल के जवाब में कहा कि उसका ध्यान नवाचार और दक्षता पर है, जिससे राजस्व में शानदार सुधार हुआ है। कंपनी ने कहा कि हमने हाल ही में सोशल बिक्री प्लेटफॉर्म इजोनाऊ पेश किया है, इससे पांच लाख रिसेलर जुड़े हैं।
रिसेलर ऐसी इकाई है, जो उत्पादों या सेवा को इसलिए खरीदती है ताकि वह उसकी बिक्री कर सके। हमने ग्रामीण क्षेत्रों में ऑफलाइन स्टोर को बढ़ाकर 20 किया है, जिसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाल में दो स्टोर खोले गए हैं। हमारे प्लेटफॉर्म पर दैनिक ऑर्डरों का दायरा 65,000-70,000 है।