नई दिल्ली। ई-कॉमर्स कंपनी स्नैपडील को वित्त वर्ष 2016-17 में 4,647 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा हुआ है। कंपनी का कहना है कि साख पर बट्टे के लिए एकबारगी 1797 करोड़ रुपए का प्रावधान करने की वजह से यह नुकसान बढ़ा है।
स्नैपडील का संचालन करने वाली कंपनी जैस्पर इंफोटेक ने कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय को बताया कि वित्त वर्ष 2015-16 में उसे 3,340 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। वित्त वर्ष 2016-17 में कंपनी की कुल आय पिछले साल की 1,478.20 करोड़ रुपए की तुलना में 12.6 प्रतिशत कम होकर 1,291.30 करोड़ रुपए रह गई। स्नैपडील के प्रवक्ता ने कहा कि 2016-17 के लिए वित्तीय परिणाम यह दर्शाते हैं कि स्नैपडील का ध्यान अर्थव्यवस्था और कारोबारी क्षमता को एकजुट करने पर है।
कंपनी ने फुलफिलमेंट कॉस्ट में 20 प्रतिशत और ऑपरेशनल नुकसान में 25 प्रतिशत कटौती करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि कंपनी मुनाफा हासिल करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है और इसके अच्छे परिणाम वित्त वर्ष 2017-18 के वित्तीय नतीजों में दिखाई देंगे।
ई-कॉमर्स सेगमेंट में गलाकाट प्रतियोगिता के चलते स्नैपडील का कारोबार प्रभावित हुआ है। अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियां अरबों डॉलर का निवेश कर रही हैं और लगातार नुकसान में रहने के बावजूद परिचालन कर रही हैं। पिछले साल स्नैपडील ने फ्लिपकार्ट के 95 करोड़ डॉलर के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था और स्नैपडील के संस्थापक कुणाल बहल और रोहित बंसल ने कहा था कि कंपनी भारतीय बाजार के लिए एक नई रणनीति बनाएगी।
पिछले साल स्नैपडील ने अपनी पेमेंट सर्विस युनिट फ्रीचार्ज को एक्सिस बैंक के हाथों 385 करोड़ रुपए में बेच दिया था। यह सौदा 2015 में स्नैपडील द्वारा चुकाई गई कीमत से लगभग 90 प्रतिशत कम पर हुआ था। इस साल जनवरी में, इसकी लॉजिस्टिक कंपनी वल्कन एक्सप्रेस को किशोर बियानी की फ्यूचर सप्लाई चेन सॉल्यूशन ने 35 करोड़ नकद राशि में खरीदा था।