नई दिल्ली। आयकर विभाग ने सोमवार को स्पष्ट किया है कि जिन कंपनियों का कारोबार 2015-16 में 50 करोड़ रुपए से कम रहा और 2016-17 अथवा बाद के वर्ष में उनका कारोबार यदि इस सीमा से अधिक भी हो जाता है तो भी उन्हें एक अप्रैल 2017 से 25 प्रतिशत की दर से ही टैक्स देना होगा।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के चेयरमैन सुशील चंद्र ने कहा कि आयकर विभाग इस बारे में जल्द ही स्पष्टीकरण जारी करेगा।
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बजट में वित्त मंत्री ने किया था प्रस्ताव
- वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2017-18 के बजट में लघु एवं मझोले उद्यम क्षेत्र (SME) को गति देने के लिये 50 करोड़ रुपए तक के सालाना कारोबार वाली छोटी कंपनियों के लिये कंपनी टैक्स की दर 30 प्रतिशत से घटा कर 25 प्रतिशत कर दी।
- चंद्र ने कहा, अगर 2015-16 में आपका कारोबार 50 करोड़ रुपए था, आप पर 25 प्रतिशत की दर से कर लगाया जाएगा।
- नई कंपनियों पर इस कर लाभ के बारे में हम स्पष्टीकरण लाएंगे।
- वित्त विधेयक 2017 के प्रावधानों के अनुसार अगर किसी घरेलू कंपनी का कारोबार या सकल प्राप्ति 2015-16 में 50 करोड़ रुपए से अधिक नहीं है तो उन्हें 25 प्रतिशत की दर से टैक्स देना होगा।
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कंपनियों को थी इस बात की उलझन
- इस बात को लेकर चिंता जताई गई कि अगर किसी कंपनी का कारोबार 2015-16 में 50 करोड़ रुपए से कम रहा लेकिन 2016-17 और 2017-18 में इससे अधिक हो जाता है तो क्या उसपर 25 प्रतिशत की टैक्स की रियायती दर लागू होगी।
- वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि जिन कंपनियों की कुल आय 2015-16 में 50 करोड़ रुपए से कम है, उन्हें टैक्स छूट का लाभ मिलता रहेगा, भले ही उनका कारोबार बाद के वर्षों में बढ़ गया हो।