नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की उपभोक्ता केंद्रित पहल रिटेल डायरेक्ट स्कीम का शुभारंभ किया। भारतीय रिजर्व बैंक रिटेल डायरेक्ट स्कीम का उद्देश्य सरकारी प्रतिभूति बाजार में खुदरा निवेशकों की पहुंच बढ़ाना है। इसके तहत खुदरा निवेशकों के लिए भारत सरकार और राज्य सरकारों द्वारा जारी प्रतिभूतियों में सीधे निवेश करने का रास्ता खुल गया है।
योजना का शुभारंभ करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि रिटेल डायरेक्ट स्कीम (Retail direct scheme) से देश में छोटे निवेशकों को गवर्नमेंट सिक्योरिटीज़ में इंवेस्टमेंट का सरल और सुरक्षित माध्यम मिल गया है। उन्होंने कहा कि आज जो योजना को लॉन्च किया गया है, उससे देश में निवेश के दायरे का विस्तार होगा और कैपिटल मार्केट्स को एक्सेस करना, निवेशकों के लिए अधिक आसान, अधिक सुरक्षित बनेगा।
छोटे और खुदरा निवेशक अपना सरकारी प्रतिभूति खाता आरबीआई के साथ आसानी से और घर बैठे ऑनलाइन खोल सकेंगे। टेक्नोलॉजीकल एडवांसमेंट से सुसज्तित यह स्कीम निवेशकों को केंद्र सरकार की प्रतिभूतियों, ट्रेजरी बिल्स, स्टेट डेवलपमेंट लोन और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स में निवेश करने के लिए एक पोर्टल की पेशकश करेगी। इस स्कीम की शुरुआत के साथ भारत अब उन कुछ देशों की सूची में शामिल हो गया है, जहां इन तरह की सुविधा की पेशकश की जाती है।
निवेशक भारतीय रिजर्व बैंक के साथ ऑनलाइन सरकारी प्रतिभूति खाते आसानी से खोल सकते हैं और उन प्रतिभूतियों का रख-रखाव कर सकते हैं। यह सेवा नि:शुल्क होगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम हर व्यक्ति को आर्थिक विकास का हिस्सा बनाना चाहते हैं। इससे छोटे निवेशकों को अच्छे रिटर्न का भरोसा मिलेगा। देश के लोगों को हर योजना के बारे में सही जानकारी मिलनी चाहिए। छोटे निवेशकों का सहयोग देश के विकास के लिए जरूरी है। निवेश से सरकार को नया भारत बनाने के लिए संसाधन मिलेंगे। घर बैठे लोग अब सुरक्षित निवेश कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि बीते 7 सालों में, एनपीए को पारदर्शिता के साथ पहचाना गया है, समाधान और रिकवरी पर ध्यान दिया गया, पब्लिक सेक्टर बैंकों को रिकैपिटलाइज किया गया, फाइनेंशियल सिस्टम और पब्लिक सेक्टर बैंकों में एक के बाद एक रिफॉर्म्स किए गए। बैंकिंग सेक्टर को और मज़बूत करने के लिए को-ऑपरेटिव बैंकों को भी आरबीआई के दायरे में लाया गया। इससे इन बैंकों की गवर्नेंस में भी सुधार आ रहा है और जो लाखों जमाकर्ता हैं, उनके भीतर भी इस सिस्टम के प्रति विश्वास मजबूत हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते सालों में देश के बैंकिंग सेक्टर में, फाइनेंशियल सेक्टर में समावेशन से लेकर तकनीक का समावेश और दूसरे सुधार किए हैं, उनकी ताकत हमने कोविड के इस मुश्किल समय में भी देखी है। सरकार जो बड़े-बड़े फैसले ले रही थी, उसका प्रभाव बढ़ाने में आरबीआई के फैसलों ने भी मदद की। अमृत महोत्सव का ये कालखंड, 21वीं सदी का ये दशक देश के विकास के लिए बहुत अहम है। ऐसे में आरबीआई की भी भूमिका बहुत बड़ी है। मुझे पूरा विश्वास है कि टीम आबरीआई देश की अपेक्षाओं पर खरा उतरेगी।
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