नई दिल्ली| भारतीय रेल ने गुरुवार को उन रिपोर्ट्स का खंडन कर दिया, जिसमें कहा गया था कि रेलवे अब मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों से स्लीपर क्लास बोगी हटाने वाली है। रेलवे ने कहा कि थ्री-टीयर कोच को लाने का मकसद यात्रियों की यात्रा को ज्यादा सस्ता और आरामदायक बनाना है। एक वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और सीईओ वी.के.यादव ने कहा, "हम निश्चित ही स्लीपर क्लास कोचों को रखेंगे। इसमें कोई भी अस्पष्टता नहीं है।"
उन्होंने कहा कि रेलवे की योजना अपने नेटवर्क के ट्रेनों की स्पीड को बढ़ाना है। नई दिल्ली-मुंबई और नई दिल्ली-कोलकाता रूट पर ट्रेन की गति 130 किमी की जाएगी, जबकि 160 किमी की गति हासिल करने के लिए ट्रैक को अपग्रेड करने का काम शुरू हो चुका है। उन्होंने कहा कि इस बढ़ी हुई गति की वजह से स्लीपर क्लास के कोचों में यात्रियों को समस्या और परेशानी होगी।"यादव ने कहा, "इसलिए हमने नए एसी-3 टीयर कोच बनाने का निर्णय लिया है, जो कि अगले वर्ष तक सामने आ जाएगा। हमारा उद्देश्य एसी ट्रेवल को ज्यादा सस्ता बनाने का है और इसका फेयर एस-3 और स्लीपर क्लास के बीच होगा।"
दरअसल हाल ही में रेलवे ने जानकारी दी थी कि 130 किलो मीटर प्रति घंटा से ऊपर चलने वाली ट्रेन में एसी कोर्च अनिवार्य होंगे। यानि जिन ट्रेन की स्पीड 130 किलोमीटर प्रतिघंटा से ज्यादा की जानी है उससे सभी स्लीपर कोच हटा दिए जाएंगे। हालांकि रेलवे ने उसी वक्त साफ कर दिया था जिस ट्रेन में स्लीपर कोच लगाया जाएगा उसकी अधिकतम स्पीड 110 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी।
भारत में फिलहाल कोई हाई स्पीड ट्रेन नहीं है। वंदे भारत, गतिमान एक्सप्रेस 160 किलोमीटर प्रति घंटा या उससे ज्यादा की रफ्तार पकड़ सकती हैं, हालांकि तकनीकी वजहों से ट्रेन की औसत रफ्तार इससे काफी कम है। सरकार ट्रैक और कोच में सुधार कर कोशिश कर रही है जिससे इन ट्रेन की औसत रफ्तार 130 किलोमीटर प्रति घंटा से ऊपर पहुंचाई जा सके। वहीं भारत में हाई स्पीड ट्रेन की योजना पर काम जारी है जिसपर 320 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार से ट्रेन दौड़ाने की योजना है।