नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध स्वदेशी जागरण मंच ने सरकार से आग्रह किया है कि रविवार से शुरू हो रही क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (RCEP) वार्ता में ई-कॉमर्स पर किसी तरह का समझौता न करें। उन्होंने तर्क दिया कि इस कदम से घरेलू विक्रेताओं की कीमत पर वैश्विक ई-कॉमर्स कंपनियों को लाभ होगा। स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) के सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद को लिखे पत्र में कहा है कि हम कुछ रिपोर्ट्स में सुन रहे हैं कि RCEP वार्ता में ई-कॉमर्स का अध्याय समाप्त होने की उम्मीद है। यह सभी भारतीयों के लिए बड़ी चिंता का विषय है।
यह भी पढ़ें : Paytm Mall को 8 महीने में हुआ 13.63 करोड़ रुपए का घाटा, कमाई हुई केवल 7.34 करोड़ रुपए की
क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी (RCEP) भारत सहित 16 सदस्यीय देशों के बीच एक प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौता (FTA) है। RCEP की 20वें चरण की चर्चा कल से दक्षिण कोरिया में शुरू हो रही है। महाजन ने कहा कि RCEP के प्रस्तावों में ई-कारोबार से शुल्क (टैरिफ) को हटाने भी शामिल है, जो खुदरा विक्रेताओं के साथ-साथ सीमा शुल्क राजस्व पर गंभीर रूप से असर डालेगा। उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स अध्याय को शामिल किए जाने से छोटे घरेलू खुदरा विक्रेताओं की तुलना में दिग्गज विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों अलीबाबा और अमेजन को बहुत अधिक लाभ होगा।
यह भी पढ़ें : RBI ने किया स्पष्ट, मनी लांड्रिंग कानून के तहत बैंक खाते से आधार को लिंक करना है अनिवार्य
स्वदेशी जागरण मंच ने पत्र में कहा है कि,
इसलिए हम सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और वाणिज्य मंत्रालय दोनों से अपील करते हैं कि RCEP में ई-कॉमर्स को लेकर किसी भी प्रतिबद्धता पर सहमत न हों।