नई दिल्ली: आरकॉम और भारती एयरटेल सहित निजी क्षेत्र की छह दूरसंचार कंपनियों की ओर से वित्त वर्ष 2006-07 से 2009-10 के दौरान अपनी इनकम को कम कर दिखाने से सरकार को 12,488.93 करोड़ रुपए का नुकसान झेलना पड़ा है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की एक रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है। कैग ने निजी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं की राजस्व भागीदारी पर अपनी रिपोर्ट आज संसद में पेश की।
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रिपोर्ट में कहा गया है कि छह निजी दूरसंचार कंपनियों के रिकॉर्ड की जांच के दौरान कुल 46,045.75 करोड़ रुपए का कम सकल राजस्व दिखाया गया है। इसका लाइसेंस शुल्क पर 3,752.37 करोड़ रुपए, स्पेक्ट्रम प्रयोग शुल्क पर 1,460.23 करोड़ रुपए का असर पड़ा। इस कम या भुगतान न किए जाने पर कुल ब्याज 7,276.33 करोड़ रुपए बैठता है।
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रिपोर्ट में 2006-07 से 2009-10 के दौरान भारती एयरटेल, वोडाफोन इंडिया, रिलायंस कम्युनिकेशंस, आइडिया सेल्युलर, टाटा टेलीसर्विसेज और एयरसेल और उनकी अनुषंगियों की ओर से सरकार को किए गए राजस्व हिस्से के भुगतान में उल्लेखनीय रूप से सुधार और उसे पूर्ण करने का तथ्य सामने आया है।रिपोर्ट के अनुसार, रिलायंस कम्युनिकेशन की ओर से सकल राजस्व को कम कर दिखाने का वित्तीय प्रभाव 1,507.25 करोड़ रुपए बैठता है। टाटा टेलीसर्विसेज के लिए यह 1,357.68 करोड़ रुपए, एयरटेल के लिए 1,066.95 करोड़ रुपए, वोडाफोन के लिए 749.85 करोड़ रुपए, आइडिया के लिए 423.26 करोड़ रुपए और एयरसेल के लिए 107.61 करोड़ रुपए बैठता है।