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Black Money: SIT ने किया कालेधन पर बड़ा खुलासा, बोगस कंपनियों के जरिये हो रही है मनीलॉन्ड्रिंग

एसआईटी ने कहा कि एक ही पते से संचालित होने वाली एक से अधिक कंपनियों पर विशेष नजर रखे जाने की जरूरत है। इनका इस्‍तेमाल मनीलॉन्ड्रिंग के लिए हो रहा है।

Shubham Shankdhar
Updated : November 05, 2015 16:56 IST
Black Money: SIT ने किया कालेधन पर बड़ा खुलासा, बोगस कंपनियों के जरिये हो रही है मनीलॉन्ड्रिंग
Black Money: SIT ने किया कालेधन पर बड़ा खुलासा, बोगस कंपनियों के जरिये हो रही है मनीलॉन्ड्रिंग

नई दिल्‍ली। कालेधन की जांच के लिए बने विशेष जांच दल (SIT) ने बोगस कंपनियों पर अपनी नजर टेढ़ी कर दी है। एसआईटी ने कालेधन पर मंगलवार को जारी अपनी तीसरी रिपोर्ट में बोगस कंपनियों के बारे में बड़ा खुलासा किया है। इस रिपोर्ट में इनकम टैक्‍स, प्रवर्तन निदेशालय सतिह विभिन्‍न जांच एजेंसियों से बोगस कंपनियों पर कड़ी निगरानी रखने की सिफारिश की है। एसआईटी ने कहा कि एक ही पते से संचालित होने वाली एक से अधिक कंपनियों पर विशेष नजर रखे जाने की जरूरत है। इन कंपनियों का इस्‍तेमाल मनीलॉन्ड्रिंग के लिए किया जा रहा है।

20 कंपनियों में एक ही व्‍यक्ति डायरेक्‍टर

एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में ऐसे 2,627 लोगों का उल्‍लेख किया है, जो 20 या इससे भी अधिक कंपनियों में डायरेक्‍टर नियुक्‍त हैं। यह कंपनी एक्‍ट 2013 की धारा 165 का उल्‍लंघन है। रिपोर्ट में यह बताया गया है कि देश में कुए 77,696 कंपनियां ऐसी हैं, जो डायरेक्‍टरशिप नियम का उल्‍लंघन कर रही हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि देश में 13,000 ऐसी कंपनियां हैं, जो एक ही पते से संचालित हो रही हैं। एसआईटी ने 345 ऐसे पते बताए हैं, जिनमें प्रत्‍येक पते पर 20 या इससे अधिक कंपनियां संचालित की जा रही हैं।

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कड़ी कार्रवाई की सिफारिश

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एपी शाह की अध्‍यक्षता में गठित एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बोगस कंपनियों के सृजन को रोकने के लिए कड़ी निगरानी की आवश्‍यकता है और ऐसी गतिविधियों में शामिल होगों के खिलाफ दंडात्‍मक कार्रवाई सुनिश्चित की जानी चाहिए। बोगस कंपनियां ऐसी कंपनियां होती हैं, जो अपनी प्रमुख कंपनियों के अवैध वित्‍तीय लेन-देन को अंजाम देने के काम में लाई जाती हैं और इनका अपना कोई वास्‍तविक कारोबार नहीं होता है।

की जाए कड़ी जांच

एसआईटी ने गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) से एमसीए-21 डेटा की जांच पड़ताल करने को कहा है ताकि नियमों के संभावित उल्लंघन के संकेतों को रेखांकित किया जा सके। रिपोर्ट के अनुसार, एक ही पते से कई कंपनियों के परिचालन पर रोक के लिए कोई विशेष कानून या नियम नहीं है और एसआईटी चाहती है कि सीबीडीटी, सीबीईसी, ईडी व एफआईयू जैसी विधि प्रवर्तन व खुफिया एजेंसियां इस तरह की कंपनियों के परिचालन की जांच में कड़ी सतर्कता बरतें।

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