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सुप्रीमकोर्ट ने सुपरटेक को कहा 'आप डूबो या मरो', लेकिन निवेशकों का धन वापस करो

SC ने सुपरटेक को आज कड़ा संदेश देते हुए उन निवेशकों का धन लौटाने को कहा जो लंबे समय से अपने सपनों के घर की प्रतीक्षा कर रहे हैं

Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published on: September 06, 2016 20:37 IST
सुप्रीमकोर्ट ने सुपरटेक को कहा ‘आप डूबो या मरो’, लेकिन निवेशकों का धन वापस करो- India TV Paisa
सुप्रीमकोर्ट ने सुपरटेक को कहा ‘आप डूबो या मरो’, लेकिन निवेशकों का धन वापस करो

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने जमीन जायदाद के विकास से जुड़ी सुपरटेक को आज कड़ा संदेश देते हुए उन निवेशकों का धन लौटाने को कहा जो लंबे समय से अपने सपनों के घर की प्रतीक्षा कर रहे हैं। न्यायालय ने कहा उसे इसकी चिंता नहीं है कि कंपनी डूबे या मरे उसे निवेशकों का पैसा लौटाना होगा। न्यायालय के इस आदेश से उन परेशान मकान खरीदारों को राहत मिलेगी जो अपने सपने के घर के लिये लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं।

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न्यायालय से जब यह कहा गया कि कुछ बिल्डरों ने कहा है कि उनके पास मकान खरीदारों को वापस करने के लिये कोष नहीं है, इस पर न्यायाधीश दीपक मिश्र और न्यायाधीश आदर्श कुमार गोयल ने कहा, आप :सुपरटेक: डूबो या मरो, हमें चिंता नहीं है। आपको मकान खरीदारों को धन लौटान होगा। हम वित्तीय स्थिति को लेकर कतई परेशान नहीं हैं।

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शीर्ष अदालत ने सुपरेटक को 17 मकान खरीदारों को पांच जनवरी 2015 से निवेश राशि का 10 प्रतिशत मासिक देने का निर्देश दिया और इसका भुगतान चार सप्ताह के भीतर करने को कहा। ये 17 मकान खरीदार न्यायालय में याचिकाएं दायर किये हुए हैं। न्यायालय ने कहा कि रीयल एस्टट कंपनी को चार सप्ताह में बकाये का भुगतान करे जिसका समायोजन हो सकता है। साथ ही सुपरटेक से अगली सुनवाई की तारीख को इन 17 खरीदारों को किये गये भुगतान का चार्ट देने को कहा। सुपरटेक के वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने कहा कि शीर्ष अदालत बैंक अधिकारी की तरह कदम नहीं उठा सकती और उसे समानता के सिद्धांत का पालन करना है।

उन्होंने कहा, सभी मकान खरीदार हमारे खिलाफ नहीं है और कुछ ने तो कंपनी का समर्थन किया तथा उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अपील की है। उन्होंने कहा, हमारे और यूनिटेक के मामले में फर्क है। उनके पास इमारत नहीं है जबकि हमारे पास इमारत है और हमारे पास जो कोष था उसे निवेश किया गया, उसका उपयोग ढांचा तैयार करने में किया गया।

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