नई दिल्ली। ई-वाणिज्य कंपनी अमेजन ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष कहा कि सिंगापुर मध्यस्थता न्यायाधिकरण का किशोर बियानी की अगुवाई वाली फ्यूचर रिटेल लि.के खिलाफ निर्णय एक वैध आदेश है और उसे फैसले के बारे में सांविधिक निकायों को सूचना देने का अधिकार है। फ्यूचर रिटेल की याचिका पर सुनवाई के दौरान अमेजन ने उक्त बातें न्यायाधीश मुक्त गुप्ता के समक्ष कही। याचिका में आरोप लगाया गया है कि ई-वाणिज्य कंपनी सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायाधिकरण (एसआईएसी) के आदेश के आधार पर रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ 24,713 करोड़ रुपये के सौदे में हस्तक्षेप कर रही है। अमेजन की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रमणियम ने कहा कि फ्यूचर रिटेल की याचिक संदेहपूर्ण है और विचारनीय नहीं है।
सुब्रमणियम ने अपनी मंगलवार की दलील को आगे जारी रखते हुए कहा कि फ्यूचर रिटेल लि.(एफआरएल) आपात मध्यस्थता न्यायाधिकरण (ईए) के समक्ष उपस्थित हुई थी और अंतरिम आदेश तबतक नहीं देने का आग्रह किया जबतक फ्यूचर समूह की तरफ से मध्यस्थ की नियुक्ति नहीं हो जाती। उन्होंने कहा कि इसीलिए कंपनी अब यह नहीं कह सकती कि ईए का अंतरिम निर्णय अवैध है और उस पर बाध्यकारी नहीं है। फ्यूचर समूह और अमेजन के बीच रिलायंस सौदे को लेकर विवाद चल रहा है। अमेरिकी कंपनी अनुबंध उल्लंघन को लेकर एफआरएल को मध्यस्थता न्यायाधिकरण में ले गयी।
सिंगापुर इंटरनेशनल मध्यस्थता केंद्र (एसआईएएसी) ने 25 अक्टूबर को अमेजन के पक्ष में अंतरिम आदेश जारी करते हुए एफआरएल को अपनी संपत्ति बेचने या कोष प्राप्त करने को लेकर कोई भी प्रतिभूति जारी पर रोक लगा दी। एफआरएल के अनुसार उसके बाद अमेजन ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी), शेयर बाजारों और भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग को पत्र लिखकर फ्यूचर रिटेल-रिलायंस इंडस्ट्रीज के सौदे को लेकर कोई भी फैसला करने से पहले सिंगापुर मध्यस्थता केंद्र के निर्णय को ध्यान में रखने को कहा। फ्यूचर रिटेल ने उच्च न्यायालय से आग्रह किया कि ई-वाणिज्य कंपनी को सेबी, प्रतिस्पर्धा आयोग और अन्य नियामकों को एसआईएसी के आदेश के बारे में लिखने से रोके। कंपनी के अनुसार यह रिलायंस के साथ समझौते में हस्तक्षेप है। अमेजन की तरफ सुब्रमणियम की दलीलें पूरी होने के बाद अब अदालत बृहस्पतिवार को फ्यूचर रिटेल का पक्ष सुनेगी।