नई दिल्ली। कोरोना संकट काल में बहुमूल्य धातुओं के प्रति निवेशकों का रुझान बना हुआ है जिससे कीमतों के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने की संभावनाएं बन गई हैं। सोने के मुकाबले चांदी में तेज उछाल देखने को मिल रहा है। कोरोना काल में 18 मार्च को चांदी का भाव एमसीएक्स पर 33,580 रुपये प्रति किलो तक टूटा था जिसके बाद कीमतों में अब तक तकरीबन दोगुनी से ज्यादा की उछाल आया है। वहीं सोने में इस अवधि के दौरा एक तिहाई की बढ़त देखने को मिली है।
जेम एंड ज्वेलरी ट्रेड काउंसिल ऑफ इंडिया के प्रेसीडेंट शांतिभाई पटेल ने आईएएनएस को बताया कि इस बार चांदी में मांग जबरदस्त बनी रह सकती है, इसलिए चांदी की कीमतें पिछले रिकॉर्ड स्तर को छू सकती है। चांदी का भाव एमसीएक्स पर 25 अप्रैल 2011 को रिकॉर्ड 73,600 रुपये प्रति किलो तक उछला था जबकि हाजिर बाजार में चांदी का भाव 2011 में 77,000 रुपये प्रति किलो तक उछला था।
दूसरी तरफ एमसीएक्स पर सोने के अगस्त वायदा अनुबंध में पिछले सत्र की क्लोजिंग से 185 रुपये यानी 0.36 फीसदी की तेजी के साथ 52,286 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार चल रहा था जबकि इससे पहले सोने का भाव 52,435 रुपये प्रति 10 ग्राम तक उछला जोकि अब तक का रिकॉर्ड स्तर है। वहीं सोने का भाव 16 मार्च 2020 को 38,400 रुपये प्रति 10 ग्राम था जिसके बाद अब तक सोने में 36.54 फीसदी की तेजी आई है।
बाजार के जानकारों के मुताबिक कोरोनावायरस संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के चलते चांदी का खनन बाधित होने और दुनिया के विभिन्न देशों में औद्योगिक गतिविधियां पटरी पर लौटने से चांदी की औद्योगिक मांग बढ़ने की उम्मीदों से इसकी कीमतों में लगातार तेजी का रुख बना हुआ है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चांदी की कीमत 18 मार्च को 12 डॉलर प्रति औंस से भी नीचे गिर गई थी जबकि मंगलवार को चांदी कॉमेक्स पर 26 डॉलर प्रति औंस से उपर तक उछली।