मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर रघुराम राजन ने अपने आलोचकों को उन्हीं के अंदाज में जवाब दिया। उन्होंने चुनौती दी कि वे उन पर नीतिगत ब्याज दर में कटौती का कदम उठाने में समय से पीछे रहने का आरोप लगाने से पहले यह साबित करें कि महंगाई दर कहां बहुत कम हुई है। उन्होंने ऐसी आलोचनाओं को महज डायलॉगबाजी करार देते हुए उसे खारिज किया। आरबीआई गवर्नर राजन ने कहा कि वह ऐसे डायलॉगों पर ध्यान नहीं देते क्योंकि ऐसी बातों का कोई आर्थिक सिर-पैर नहीं है।
राजन को अक्सर सरकार और उसकी नीतियों के आलोचक के रूप में देखा जाता रहा है। आर्थिक वृद्धि के संबंध में उन्होंने कहा कि आर्थिक हालात में सुधार की रफ्तार को लेकर जरूर बहुत अधिक निराशा है लेकिन रफ्तार में यह कमी देश में लगातार दो साल के सूखे, वैश्विक अर्थव्यवस्था की कमजोरी और ब्रेक्जिट जैसे बाह्य झटकों के कारण है। राजन की कुछ हलकों में इस बात के लिए सार्वजनिक रूप से तीखी आलोचना हुई है कि उन्होंने ब्याज दरों को अनावश्यक रप से ऊंचा रखा जिससे वृद्धि की संभावनाओं पर बुरा असर पड़ा। गवर्नर ने अपने रख के समर्थन में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति की दिशा का उल्लेख किया जो लगातार चौथे महीने बढते हुए जून में 5.77 प्रतिशत तक पहुंच गई है। राजन का कार्यकाल 4 सितंबर को पूरा हो रहा है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर राजन ने कहा, यह समय से पीछे रहने की बात बिना किसी आर्थिक सिर-पैर के चलती रहती हैं। आपने देखा कि पिछले सप्ताह ही खुदरा मुद्रास्फीति का आंकड़ा आया जो 5.8 प्रतिशत है। हमारी नीतिगत ब्याज दर 6.5 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक इस समय करीब दो साल के उच्चतम स्तर पर है। यह केंद्रीय बैंक द्वारा मुद्रास्फीति के लक्षित दायरे के उच्चतम स्तर पर है। रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति को 2 से 6 प्रतिशत के दायरे में सीमित रखने का लक्ष्य रखा है।
केंद्रीय बैंक प्रमुख ने कहा कि लोगों की बात मुझे समझ नहीं आती कि हम कहा समय से पीछे हैं। आप को यह बताना चाहिए कि देखिए यहां महंगाई दर बहुत नीचे है ताकि हम वहां समय से पीछे दिख रहे हों। उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि वह इस तरह के डायलाग पर वास्तव में कोई ध्यान नहीं देते। रिजर्व बैंक के गवर्नर की सख्त मौद्रिक नीति की आलोचना करते हुए भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने उन्हें पद से हटाने की मांग की थी और कहा था कि वह मानसिक तौर पर पूरी तरह भारतीय नहीं हैं। यह पूछने पर अपने उत्तराधिकारी के लिए उनका क्या संदेश होगा, राजन ने कहा, मौद्रिक नीति का इंतजार करें। आरबीआई की अगली द्वैमासिक मौद्रिक नीति नौ अगस्त को जारी होगी।