नई दिल्ली। फार्मा कंपनी रैनबैक्सी के पूर्व प्रोमोटर शिविंदर मोहन सिंह को धोखाधड़ी के आरोप में गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया। शिविंदर को ब्रोकिंग कंपनी रेलिगेयर की शिकायत पर दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया है। उनपर पैसों की हेराफेरी का आरोप है। शिविंदर के भाई मालविंदर मोहन सिंह के खिलाफ भी लुक आउट नोटिस जारी किया गया है।
दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने रेलीगेयर के पूर्व सीएमडी सुनील गोधवानी, कवी अरोरा और अनिल सक्सेना को भी गिरफ्तार किया है। इन सभी पर आरोप है कि इन्होंने सार्वजनिक धन को गलत तरीके से डाइवर्ट कर अपनी कंपनियों में निवेश किया है।
पुलिस शिविंदर सिंह के छोटे भाई मालविंदर सिंह को 740 करोड़ रुपए के धोखाधड़ी मामले में तलाश कर रही है। रेलीगेयर फिनवेस्ट ने दोनों भाईयों शिविंदर और मालविंदर पर 740 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है।
अदालत ने दिया राधास्वामी सत्संग प्रमुख को देय धन अदालत में जमा कराने का निर्देश
दिल्ली उच्च न्यायालय ने रैनबैक्सी लैबोरेटरीज के प्रवर्तकों मलविंदर और शिविंदर सिंह के खिलाफ जापानी दवा कंपनी दाइची सांक्यो के पक्ष में 3,500 करोड़ रुपये की डिक्री के क्रियान्वयन संबंधी मामले में राधा स्वामी सत्संग, ब्यास (आएसएसबी) के प्रमुख गुरिंदर सिंह ढिल्लों सहित तीसरे पक्ष के 55 लोगों को उन पर आरएचसी होल्डिंग कंपनी के बकायों की राशि अदालत में जमा कराने का बुधवार को आदेश दिया।
आरएचसी होल्डिंग सिंह बंधुओं की है। अदालत ने कहा कि इस मामले में आरएचसी होल्डिंग के तीसरे पक्ष के ये 55 बकायेदार व्यक्ति और इकाइयां बकाये की राशि 30 दिन के अंदर दिल्ली उच्च न्यायायलय के महा पंजीयक के कार्यालय में जमा कराएं।
रैनबैक्सी लैब के अधिग्रहण के बाद उभरे विवाद में पंच निर्णय की एक अदालत ने सिंह बंधुओं के खिलाफ फैसला सुनाया था और उन्हें जापानी कंपनी को 3,500 करोड़ रुपये चुकाने के आदेश दिए है। इस आदेश के क्रियान्वयन का मामला दिल्ली उच्च न्यायालय में है। न्यायालय ने इस संबंध में सिंह बंधुओं की कंपनी के बाकायेदारों को बकाया अदालत में जमा कराने का निर्देश दिया है।