पणजी। केंद्र का गोवा सरकार के साथ एक संयुक्त उद्यम बनाकर मुरगांव पोर्ट ट्रस्ट से करीब 35 किलोमीटर दूर एक उप-बंदरगाह बनाने की योजना है। यह बात केंद्रीय जहाजरानी मंत्रालय नितिन गडकरी ने कही। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, पणजी के मौजूदा गोवा बंदरगाह में बहुत सी दिक्कतें हैं। इसके कारण यह बंदरगाह और विकसित नहीं हो सकता।
मंत्री ने कहा, केंद्र गोवा सरकार के साथ संयुक्त उद्यम में दक्षिण गोवा के बल्ली गांव में स्थित मुरगांव पोर्ट ट्रस्ट से 35 किलोमीटर दूर एक इससे जुड़ा एक छोटा बंदरगाह के निर्माण की योजना बना रहा है। उन्होंने कहा कि उप बंदरगाह के पास 50 लाख टन बॉक्साइट और 10 लाख टन लौह अयस्क की सालाना ढुलाई क्षमता होगी। मंत्री ने कहा, बॉक्साइट का परिवहन कन्वेयर बेल्ट और लौह अयस्क का परिवहन सड़क मार्ग से किया जाएगा।
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गडकरी ने यह भी कहा कि उनके मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष के दौरान सभी प्रमुख बंदरगाहों और प्रमुख संगठनों से 8,000 करोड़ रुपए के संचयी मुनाफे का लक्ष्य रखा है। सभी 12 बंदरगाहों और तीन प्रमुख संगठनों ने पिछले वित्त वर्ष के दौरान 6,000 करोड़ रपए का मुनाफा कमाया था। क्षेत्र के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि इतनी आय हुई है। जहाजरानी मंत्रालय की एक बैठक की अध्यक्षता करने के बाद उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान प्रमुख बंदरगाहों और प्रमुख संगठनों से 8,000 करोड़ रुपए के मुनाफे का लक्ष्य रखा है। इस राशि का निवेश आधुनिकीकरण और यांत्रिकीकरण में किया जाएगा। उन्होंने कहा, हालात को देखते हुए बंदरगाहों का यह मुनाफा उल्लेखनीय उपलब्धि है।
गडकरी ने बताया कि केंद्र कर्नाटक में करवार के पास बेल्लाकरी में एक प्रमुख बंदरगाह विकसित करने की योजना बना रहा है। कुछ वन एवं पर्यावरण मुद्दे हैं। हमारी कर्नाटक के मुख्य मंत्री के साथ इस संबंध में चर्चा हुई है और उनकी इस बंदरगाह के निर्माण में रचि है। उन्होंने कहा, सागरमाला मेरीटाईम वल्र्ड कॉन्फ्रेंस में हम चार लाख करोड़ रपए की लागत से बुनियादी ढांचा विकास – बंदरगार से जुड़ने वाली रेल योजना, बंदरगाह सड़क और इसके यांत्रिकीकरण – की योजना बनाई है। उन्होंने कहा, हम बंदरगाह नीत विकास क्षेत्र के पास 27 औद्योगिक संकुल विकसित कर रहे हैं और हमें इसमें आठ लाख करोड़ रुपए के निवेश की उम्मीद है। इससे अप्रत्यक्ष रूप से 60 लाख और प्रत्यक्ष रूप से 40 लाख प्रत्यक्ष रोजगार पैदा होंगे।
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