नई दिल्ली। दिसंबर में अपनी उफनती कीमतों के कारण चर्चा में आया बिटकॉइन (Bitcoin) अब नुकसान के कारण खबरों में है। लुढ़कती कीमतों ने बिटकॉइन में निवेश करने वालों को तगड़ा झटका दिया है। पिछले 4 हफ्तों से Bitcoin की कीमतें घट कर आधी रह गई हैं। बुधवार रात को बिटकॉइन की निम्नतम कीमत 9311 डॉलर दर्ज की गई है। नुकसान की बात करें तो अब तक निवेशकों के 6 लाख करोड़ से ज्यादा डूब चुके हैं। एक महीने की गिरावट पर गौर करें तो यह अपने उच्चतम स्तर से करीब 47 फीसदी से अधिक टूट चुका है।
दर असल Bitcoin जैसी दूसरी क्रिप्टोकरेंसी पर दक्षिण कोरिया द्वारा बैन लगाने की आशंका के चलते इसमें गिरावट देखने को मिल रही है। दक्षिण कोरिया के वित्त मंत्री किम डोंग येऑन ने कहा है कि क्रिप्टोकरंसी पर पाबंदी का विकल्प खुला हुआ है। कॉइनमार्केटकैप के अनुसार अन्य दिग्गज क्रिप्टोकरंसी में भी गिरावट देखने को मिली है। ईथिरियम में 28 फीसद की कमजोरी आई है, जबकि बिटकॉइन कैश 31 फीसद कमजोर हुआ है। वहीं, लाइटकॉइन 29 फीसद, डैश 24 फीसद और मोनेरो 30 फीसद कमजोर हुआ हैं। इसी तरह रिपल में 40 फीसद तक की गिरावट दर्ज की गई है।
बिटकॉइन क्या है?
बिटकॉइन क्रिप्टोकरेंसी का एक प्रकार है, यह एक डिजिटल करेंसी है और करेंसी की यूनिट निर्माण को रेगूलेट करने तथा फंड ट्रांसफर को प्रमाणित करने के लिए इसमें एनक्रिप्शन टेक्निक का इस्तेमाल किया जाता है। यह एक ऐसा धन है, जिसका कोई भौतिक स्वरूप नहीं होता लेकिन इसमें कई सारे कोड होते हैं। बिटकॉइन के बारे में सबसे ज्यादा रोचक बात यह है कि दुनियाभर के बहुत से केंद्रीय बैंकों ने इसे कानूनी मान्यता प्रदान नहीं की है। संक्षेप में कहें तो बिटकॉइन एक ऐसा धन है जिसकी कोई भौतिक उपस्थिति नहीं हैं और इसकी कोई सॉवरेन वैल्यू भी नहीं है। यह केवल एक डिजिटल और प्राइवेट करेंसी है।
किसने की Bitcoin की खोज?
इसके बारे में किसी को कुछ भी स्पष्ट तौर पर पता नहीं है। एक व्यक्ति जिसका नाम सतोशी नाकामोतो है उसने 2009 में बिटकॉइन की शुरुआत की। शायद यह सरकारी रेगूलेशन से मुक्त एक समानांतर करेंसी सिस्टम बनाने का एक प्रयास था। सतोशी नाकामोतो के पास वर्तमान में लगभग 7.5 अरब डॉलर की करेंसी होने का अनुमान है।
बिटकॉइन कैसे काम करता है?
एक्सचेंज पर ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए बिटकॉइन का ट्रेड होता है। ब्लॉकचेन एक डिजिटल और सार्वजनिक लेजर है जिसके जरिये डिजिटल करेंसी में किए गए ट्रांजैक्शन को क्रोनोलॉजिकली और सार्वजनिक तरीके से रिकॉर्ड किया जाता है।
क्या है जो बिटकॉइन को वांछनीय बनाता है?
कुछ लोगों को मानना है कि चूंकि यह एक प्राइवेट और डिजिटल करेंसी है। इसके अलावा बिटकॉइन में ट्रेड करना किसी भी अंतरराष्ट्रीय सीमा से मुक्त है। कोई भी इसे कभी भी खरीद सकता है और बिना किसी डिजिटल ट्रांजैक्शन फीस के ट्रेडिंग किया जा सकता है।
यदि यह वास्तविक मुद्रा नहीं है तो यह कैसे काम करती है?
बिटकॉइन का कोई कानूनी मूल्य नहीं है और इसके पीछे कोई फंडामेंटल नहीं है। लेकिन फिर भी कई ई-कॉमर्स कंपनियां जैसे भारत में फ्लिपकार्ट और मेकमायट्रिप बिटकॉइन से अपने वाउचर प्रोग्राम को खरीदने की अनुमति देती हैं। पूरी दुनिया में ऐसे कई मर्चेंट्स हैं जो अपने उत्पादों या सेवाओं के बदले बिटकॉइन स्वीकार कर रहे हैं। आप बिटकॉइन से पिज्जा खरीद सकते हैं या ब्यूटी पार्लर में सर्विस हासिल कर सकते हैं।
समस्या क्या है?
समस्या यह है कि दुनिया के कई हिस्सों में बिटकॉइन गैरकानूनी है। चूंकि इसका कोई मूल्य नहीं है ऐसे में यह एक बुलबुले की तरह है और यह किसी भी समय फूट सकता है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि यदि ऐसा होता है तो वास्तविक धन के नुकसान के लिए कौन जिम्मेदार होगा।
आप कैसे खरीद सकते हैं बिटकॉइन को?
कोई भी बिटकॉइन को विभिन्न एप्स के माध्यम से खरीद सकता है। बिटकॉइन एक्सचेंज और इससे मिलतेजुलते नाम से कई एप बनी हुई हैं। यह एप लोगों को बिभिन्न मुद्रा में बिटकॉइन को खरीदने या बेचने की सुविधा देती हैं। Mt Gox सबसे बड़ा बिटकॉइन एक्सचेंज है। भारत में Zebpay, Coinsecure और Unocoin लोकप्रिय बिटकॉइन ट्रेडिंग एप्स हैं।