नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सोमवार को राष्ट्रीय एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया (Air India) की 18,000 करोड़ रुपये में बिक्री के लिए टाटा संस (Tata Sons) के साथ शेयर खरीद करार पर हस्ताक्षर किए हैं। इस माह की शुरुआत में, सरकार ने नमक से सॉफ्टवेयर तक के कारोबार में फैली टाटा संस की एक इकाई टैलेस प्रा. लि. द्वारा एयर इंडिया के लिए लगाई गई बोली को स्वीकार किया था। इस बोली में 2700 करोड़ रुपये नकद और एयरलाइन का 15,300 करोड़ रुपये के कर्ज की जिम्मेदारी लेने का प्रस्ताव दिया गया था।
इसके बाद 11 अक्टूबर को एयरलाइन में सरकार की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री की पुष्टि के लिए टाटा ग्रुप को एक लैटर ऑफ इंटेंट (LoI) जारी किया गया। निवेश एवं लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) सचिव तुहीन कांत पांडे ने ट्वीट कर कहा कि एयर इंडिया के रणनीतिक निवेश के लिए टाटा संस के साथ आज सरकार ने शेयर खरीद समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
इस सौदे में एयर इंडिया एक्सप्रेस और ग्राउंट हैंडलिंग कंपनी एआईएसएटीएस की बिक्री भी शामिल है। टाटा संस ने स्पाइसजेट के प्रवर्तक अजय सिंह के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम के 15,100 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को पीछे छोड़ते हुए यह बोली जीती है। घाटे में चल रही एयर इंडिया में अपनी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिए सरकार ने 12,906 करोड़ रुपये का आरक्षित मूल्य तय किया था। 2003-04 के बाद यह पहला निजीकरण होगा, एयर इंडिया टाटा के पोर्टफोलियो में तीसरा एयरलाइन ब्रांड होगा। एयर एशिया इंडिया और विस्तारा में टाटा की अधिकांश हिस्सेदारी है।
इस साल 31 अगस्त तक एयर इंडिया पर कुल 61,562 करोड़ रुपये का कर्ज था। सौदे के तहत इस कर्ज का 75 प्रतिशत या 46,262 करोड़ रुपये एक विशेष इकाई एयर इंडिया एसेट होल्डिंग्स प्राइवेट लि.
(एआईएएचएल) को हस्तांतरित किया जाएगा। उसके बाद ही टाटा समूह को घाटे में चल रही एयरलाइन का नियंत्रण दिया जाएगा। टाटा को एयर इंडिया की दिल्ली स्थित वसंत विहार हाउसिंग कॉलोनी, मुंबई के नरीमन पॉइंट में स्थित एयर इंडिया बिल्डिंग और नयी दिल्ली में एयर इंडिया बिल्डिंग जैसी गैर-मूल संपत्तियों का नियंत्रण अपने पास कायम रखने की अनुमति नहीं होगी। टाटा को मिलने वाले एयर इंडिया के 141 विमानों में से 42 पट्टे पर लिए गए विमान हैं, जबकि बाकी 99 एयर इंडिया के खुद के विमान हैं। अभी एयरलाइन को प्रतिदिन 20 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। टाटा के पास एयरलाइन जाने के बाद करदाताओं को इसका बोझ नहीं उठाना होगा।
भारत फोर्ज ने पुणे संयंत्र के कर्मचारियों के लिए वीआरएस की पेशकश की
वाहन कलपुर्जा कंपनी भारत फोर्ज ने अपने पुणे के मुंधवा संयंत्र के स्थायी कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना(वीआरएस) की पेशकश की है। कंपनी ने सोमवार को कहा कि ऐसे स्थायी कर्मचारी जो 40 साल की आयु पूरी कर चुके हैं और उनको सेवा में 10 साल पूरे हो चुके हैं, वीआरएस का लाभ उठा सकेंगे। पुणे की कंपनी भारत फोर्ज वाहन, रेलवे, वैमानिकी, समुद्री, तेल एवं गैस, निर्माण और खनन जैसे क्षेत्रों में कार्य करती है।
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