Saturday, December 21, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी का भारतीय बाजार पर असर दिखना शुरू, शेयर बाजार में आई तेजी हुई गायब

ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी का भारतीय बाजार पर असर दिखना शुरू, शेयर बाजार में आई तेजी हुई गायब

एक दशक बाद अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने का असर भारतीय बाजारों पर असर दिखना शुरू हो गया है। कारोबार के शुरुआती में आई तेजी गायब होती नजर आ रही है।

Dharmender Chaudhary
Updated : December 17, 2015 11:14 IST
ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी का भारतीय बाजार पर असर दिखना शुरू, शेयर बाजार में आई तेजी हुई गायब
ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी का भारतीय बाजार पर असर दिखना शुरू, शेयर बाजार में आई तेजी हुई गायब

मुंबई। एक दशक बाद अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने का असर भारतीय बाजारों पर असर दिखना शुरू हो गया है। कारोबार के शुरुआती में आई तेजी गायब होती नजर आ रही है। गुरुवार को घरेलू बाजार की मजबूत शुरुआत हुई। डॉलर के मुकाबले रुपया 11 पैसे की मजबूती के साथ 66.62 के स्तर पर खुला। वहीं, शेयर बाजार में भी तेजी देखने को मिली है। सेंसेक्स खुलते ही 100 अंक ऊपर उछल गया है और 7 दिसंबर के बाद निफ्टी 7800 के पार चला गया है। हालांकि शेयर बाजार में आई तेजी गायब हो रही है।

डॉलर के मुकाबले रुपया हुआ मजबूत

फॉरेन करेंसी ट्रेडर्स के मुताबिक घरेलू शेयर बाजार में तेजी से भी रुपए को सहारा मिला है। लेकिन, अमेरिकी सेंट्रल बैंक द्वारा ब्याज दर में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी के बाद विदेश में अन्य मुद्राओं के मुकाबले डॉलर में तेजी से घरेलू मुद्रा में मजबूती पर लगाम लगी है। बुधवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 19 पैसे चढ़कर 66.73 पर बंद हुआ था।

शेयर बाजार में आई तेजी गायब

शेयर बाजार की शुरुआती तेजी गायब होती नजर आ रही है। बीएसई का 30 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स 21 अंक की बढ़त के साथ 25515 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। वहीं, एनएसई का 50 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स निफ्टी 8. अंक चढ़कर 7759 के स्तर पर आ गया है। शुरुआती कारोबार के दौरान निफ्टी 0.50 फीसदी की उछाल के साथ 7800 के पार पहुंच गया था।

एक दशक बाद बढ़ी ब्याज दरें

अमेरिकी सेंट्रेल बैंक फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की बढ़ोत्तरी का फैसला किया है। यह बढ़ोत्तरी करीब 10 साल (2006) के बाद पहली बार हुई है। 2004 से 2006 के बीच फेडरल रिजर्व ने 17 बार दरें बढ़ाई थी। लेकिन 2008 के दौरान अमेरिका में आई फाइनेंशियल क्राइसिस को देखते हुए सेंट्रल बैंक ने ब्याज दरें लगभग शून्य कर दी थी। फेड ने कहा कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार आया है। फेड के कुल 10 मेंबरों ने दरें बढ़ाने के पक्ष में वोट किया है। फेड चेयरमैन जेनेट येलेन ने कहा कि आगे भी जरूरत के मुताबिक ब्याज दरें बढ़ाई जा सकती हैं।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement
detail