Saturday, November 02, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. कॉरपोरेट मंत्रालय के अधीन आने वाले SFIO को मिला गिरफ्तारी का अधिकार, मुखौटा कंपनियों पर कसेगा शिकंजा

कॉरपोरेट मंत्रालय के अधीन आने वाले SFIO को मिला गिरफ्तारी का अधिकार, मुखौटा कंपनियों पर कसेगा शिकंजा

गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (SFIO) के पास अब कंपनी कानून के उल्लंघन के मामलों में लोगों की गिरफ्तारी का अधिकार भी मिल गया है।

Manish Mishra
Published on: August 28, 2017 9:44 IST
कॉरपोरेट मंत्रालय के अधीन आने वाले SFIO को मिला गिरफ्तारी का अधिकार, मुखौटा कंपनियों पर कसेगा शिकंजा- India TV Paisa
कॉरपोरेट मंत्रालय के अधीन आने वाले SFIO को मिला गिरफ्तारी का अधिकार, मुखौटा कंपनियों पर कसेगा शिकंजा

नई दिल्ली गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (SFIO) के पास अब कंपनी कानून के उल्लंघन के मामलों में लोगों की गिरफ्तारी का अधिकार भी मिल गया है। सरकार ने इस बारे में अधिनियम के संबंधित प्रावधानों को अधिसूचित कर दिया है। सरकार ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है जब वह अवैध धन के लेनदेन और मनी लांड्रिंग के लिए मुखैटा कंपनियों का इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ कोड़े चला रही है। SFIO के पास यह अधिकार ऐसे समय आया है जब सरकार मनी लांड्रिंग और कर चोरी समेत अन्य अवैध गतिविधयों में इस्तेमाल होने वाली संदिग्ध मुखौटा कंपनियों के खिलाफ कदम उठा रही है।

यह भी पढ़ें : आधार डेटा में सेंधमारी के विकीलीक्‍स के दावों को UIDAI ने ठुकराया, प्रणाली को पूरी तरह बताया सुरक्षित

कंपनी कानून, 2013 में SFIO को गिरफ्तार करने के अधिकार का प्रावधान शामिल था पर इसे अधिसूचित कर प्रभावी अब किया गया है। कानून के अधिकतर प्रावधान एक अप्रैल 2014 से अमल में आ गये हैं। SFIO को सफेदपोश अपराध तथा धोखाधड़ी के मामले में कंपनी कानून के तहत अभियोजन चलाने की विशेषज्ञता हासिल है। मंत्रालय ने SFIO द्वारा जांच के संदर्भ में गिरफ्तारी को लेकर नियमों को अधिसूचित किया है। ये प्रावधान 24 अगस्त से प्रभाव में आ गए हैं।

मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि,

SFIO में निदेशक के साथ-साथ अतिरिक्त या सहायक निदेशक स्तर के अधिकारी किसी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकते हैं। यह उस स्थिति में होगा जब उन्हें लगता है कि वह जांच से जुड़े मामले में दोषी है।

मंत्रालय के अनुसार गिरफ्तारी का कारण लिखित में रिकॉर्ड होना चाहिए। अधिसूचना में कहा गया है, अगर गिरफ्तारी अतिरिक्त निदेशक या सहायक निदेशक द्वारा की जाती है तो SFIO के निदेशक से इसकी पहले लिखित मंजूरी लेनी होगी। SFIO निदेशक को गिरफ्तारी संबंधी आदेश जारी करने के अधिकार होंगे।

यह भी पढ़ें :अपने इलाके में भारतीय रुपया नहीं अपने ही सिक्‍के चलाता था गुरमीत राम रहीम, प्‍लास्टिक के होते थे ये टोकन

सरकारी और विदेशी कंपनियों से जुड़े मामलों में गिरफ्तारी के लिए सरकार से मंजूरी लेने के बाद ही गिरफ्तारी की जा सकेगी। सरकारी कंपनी के प्रबंध निदेशक या प्रभावरी अधिकारी को गिरफ्तारी की सूचना देनी होगी। पर यदि गिरफ्तार व्यक्ति सरकारी कंपनी का प्रबंध निदेशक या प्रभारी है तो उसकी सूचना संबंधित मंत्रालय के सचिव को देनी होगी।

सरकार द्वारा संसद को दी गई एक जानकारी के अनुसार SFIO ने पिछले तीन वर्ष में 366 मामलों की जांच की है। वर्ष 2016-17 में संगठन के समक्ष जांच के लिए 111 मामले आए।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement