नई दिल्ली। श्रीलंका, पाकिस्तान और तुर्की सहित सात देशों में विनिमय दर संकट का जोखिम पैदा हो गया है क्योंकि अर्जेंटीना और तुर्की की स्थिति को देखने के बाद निवेशक अपने जोखिमों का नए सिरे से आकलन कर रहे हैं। नोमूरा के एक नए इंडेक्स में यह कहा गया है। वैश्विक वित्तीय सेवा क्षेत्र की कंपनी नोमूरा का कहना है कि विकसित बाजारों में मौद्रिक रुख के सामान्यीकरण, व्यापार संरक्षणवाद तथा चीन की अर्थव्यवस्था में सुस्ती से उभरते बाजार दबाव में हैं क्योंकि निवेशक अपने जोखिमों का नए सिरे से आकलन कर रहे हैं।
नोमूरा के 30 उभरते बाजारों में विनिमय दर जोखिम का आकलन करने वाले ‘डेलोक्लेस’ के अनुसार 100 से अधिक के स्कोर के साथ सात देशों के सामने विनिमय दर जोखिम हैं। ये देश हैं श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका, अर्जेंटीना, पाकिस्तान, मिस्र, तुर्की और यूक्रेन।
100 से अधिक के स्कोर का मतलब है कि अगले 12 माह में वहां विनिमय दर संकट पैदा हो सकता है। वहीं 150 के स्कोर का तात्पर्य है कि यह संकट किसी भी समय उत्पन्न हो सकता है।