नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ((IMF) ने मंगलवार को भारत के लिए अपने आर्थिक वृद्धि के अनुमान में कटौती करने की घोषणा की है। आईएमएफ ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए जीडीपी के वृद्धि अनुमान को घटाकर 9.5 प्रतिशत कर दिया है। आईएमएफ ने कहा है कि घातक दूसरी कोविड-19 लहर ने रिकवरी की गति को बुरी तरह प्रभावित किया है। इससे पहले अप्रैल में आईएमएफ ने भारत के जीडीपी वृद्धि के लिए 12.5 प्रतिशत का अनुमान व्यक्त किया था। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए आईएमएफ ने 8.5 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि का अनुमान व्यक्त किया है, जो कि पहले 6.9 प्रतिशत था।
आईएमएफ ने अपने ताजा विश्व आर्थिक परिदृश्य में कहा है कि मार्च-मई के दौरान घातक दूसरी कोविड लहर के कारण भारत के लिए वृद्धि अनुमान में कटौती की गई है क्योंकि इस वजह से भरोसे में रिकवरी धीमी पड़ने की संभावना है। अंतररराष्ट्रीय मुद्राकोष ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 9.5 प्रतिशत कर दिया है, जो पहले 12.5 प्रतिशत था। वित्त वर्ष 2022-23 में 8.5 प्रतिशत वृद्धि की संभावना जताई है।
इस साल वैश्विक वृद्धि रहेगी 6 प्रतिशत
आईएमएफ ने इस साल अपने वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में बहुत अधिक वृद्धि की है। आईएमएफ ने कहा कि इस साल वैश्विक अर्थव्यवस्था 6 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ेगी। 2020 में वैश्विक अर्थव्यवस्था में 3.2 प्रतिशत का संकुचन आया था। आईएमएफ ने कहा है कि दुनिया की समृद्ध अर्थव्यवस्थाओं विशेषकर अमेरिका में कोरोना टीकाकरण की वजह से मजबूत रिकवरी देखने को मिल सकती है।
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