Monday, November 04, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. नए ऑर्डर में कमी के कारण सर्विस सेक्टर की ग्रोथ लगातार तीसरे महीने घटी, ब्याज दरों में कटौती को लगेगा झटका

नए ऑर्डर में कमी के कारण सर्विस सेक्टर की ग्रोथ लगातार तीसरे महीने घटी, ब्याज दरों में कटौती को लगेगा झटका

ऑर्डर में कमी के कारण सर्विस सेक्टर की ग्रोथ रेट में लगातार तीसरे महीने गिरावट दर्ज की गई। जून में सर्विस सेक्टर की ग्रोथ सात महीने के निचले स्तर पर आ गई।

Dharmender Chaudhary
Published on: July 05, 2016 15:23 IST
PMI: नए ऑर्डर में कमी के कारण सर्विस सेक्टर की ग्रोथ लगातार तीसरे महीने घटी, ब्याज दरों में कटौती को लगेगा झटका- India TV Paisa
PMI: नए ऑर्डर में कमी के कारण सर्विस सेक्टर की ग्रोथ लगातार तीसरे महीने घटी, ब्याज दरों में कटौती को लगेगा झटका

नई दिल्ली। सर्विस सेक्टर की ग्रोथ रेट में लगातार तीसरे महीने गिरावट दर्ज की गई। जून में सर्विस सेक्टर की ग्रोथ सात महीने के निचले स्तर पर आ गई। आज जारी एक मासिक सर्वे के मुताबिक ऐसा मुख्य तौर पर नए ऑर्डर में कमी के मद्देनजर हुआ। इससे आरबीआई द्वारा दरों में कटौती की मांग को बल मिलेगा। भविष्य की बिजनेस ग्रोथ को लेकर संभावनाएं फरवरी के बाद से अब तक न्यूनतम स्तर पर हैं जिससे आर्थिक गतिविधियों में तेजी बनाए रखने को लेकर चिंता बढ़ी है।

विशेषग्यों का यह भी मानना है कि लागत बढ़ोतरी को देखते हुए रिजर्व बैंक के लिए नीतिगत दर कम करना मुश्किल हो सकता है क्योंकि महंगाई दर को नियंत्रित रखना केंद्रीय बैंक की प्राथमिकता है। सर्विस सेक्टर की गतिविधि का आकलन करने वाले निक्केई सेवा कारोबार गतिविधि सूचकांक जून में गिरकर 50.3 रहा जो मई में 51 पर था। यह सूचकांक में पिछले सात महीने का न्यूनतम और पिछले एक साल का दूसरा न्यूनतम स्तर है। सूचकांक का 50 से उपर रहना वृद्धि और इससे कम रहना संकुचन का संकेतक है।

इस सर्वे का संकलन करने वाली संस्था मार्किट की अर्थशास्त्री पॉलियाना डी लीमा ने कहा, भारत के सेवा क्षेत्र की वृद्धि रफ्तार में जून महीने में कमी आई और लगातार तीसरे महीने नए आर्डर में कम बढ़ोतरी से गतिविधियों में धीमापन आया है। रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन ने जून में अपनी नीतिगत समीक्षा में महंगाई के दबाव के मद्देनजर नीतिगत दर को अपरिवर्तित रखा था। लेकिन संकेत दिया था यदि मानसून से मुद्रास्फीति कम करने में मदद मिलती है तो इस साल बाद में ब्याज दर में कटौती संभव है। उद्योग को अभी भी निवेश बढ़ाने के लिए केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में और कटौती की उम्मीद है। मौद्रिक नीति की अगली समीक्षा 9 अगस्त को होनी है।

रोजगार के लिहाज से भारतीय सेवा प्रदाताओं की ओर से जून में कर्मचारियों की भर्ती के स्तर में थोड़ी बढ़ोतरी का संकेत मिला। इस बीच विनिर्माण और सेवा दोनों क्षेत्रों का आकलन करने वाला निक्केइ इंडिया मिश्रित पीएमआई उत्पादन सूचकांक जून में बढ़कर 51.1 पर पहुंच गया जो मई में 50.9 पर था लेकिन यह लंबे समय के औसत से कमतर रहा और इसमें धीमी वृद्धि का संकेत मिलता है। लीमा ने कहा, विनिर्माण क्षेत्र हलांकि जून में बेहतर स्थिति में रहा लेकिन नए आर्डर, रोजगार और उत्पादन का स्तर उनके लंबे समय के औसत से कमतर रहा। रोजगार के मोर्चे पर भारतीय सेवा क्षेत्र ने जून माह में कर्मचारियों की भर्ती के मामले में मामूली वृद्धि का संकेत दिया है।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement