नई दिल्ली। क्या गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) लागू होने के बाद हाउसिंग सोसाइटीज के सेवाएं महंगी हो जाएंगी? गुरुवार को केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने इसपर अपनी सफाई दी है। वित्त मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि हाउसिंग सोसाइटीज की तरफ से अपने सदस्यों को दी जाने वाली सेवाओं पर लगने वाले टैक्स में किसी तरह का बदलाव नहीं है, इस तरह की सेवाओं पर GST से पहले जो टैक्स व्यवस्था थी वैसी ही व्यवस्था GST के बाद है।
वित्त मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि रेजिडेंशियल वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) अगर सोसाइटी में सोवाओं के लिए प्रति मेंबर 5000 रुपये से कम लेती हैं तो वह सोसाइटी GST के दायरे में नहीं आएगी। साथ में सोसाइटी अपने सदस्यों से 5000 रुपये से ज्यादा भी लेती है और उसका कुल सालाना टर्नओवर 20 लाख रुपये से कम रहता है तो भी वह GST के दायरे में नहीं आएगी।
हाउसिंग सोसाइटी तभी GST के दायरे में आएगी जब वह प्रति सदस्य 5,000 रुपये से ज्यादा वसूलेगी और उसका सालाना टर्नओवर 20 लाख रुपये या इससे अधिक होगा। वित्त मंत्रालय की तरफ से साफ कर दिया गया है कि GST लागू होने के बाद हाउसिंग सोसाइटीज की सेवाएं महंगी नहीं होंगी।