नई दिल्ली। देश में जीएसटी को लेकर संसद से लेकर सड़क तक घमासान मचा हुआ है। मोदी सरकार इस हफ्ते जीएसटी बिल को राज्यसभा में पास कराने की पूरी कोशिश करेगी। लेकिन, राजनीतिक गतिरोध के बीच यह समझना भी बहुत जरूरी है कि इसका आम आदमी पर क्या असर होगी। अगर सरकार जीएसटी पर अरविंद सुब्रमण्यन समिति की सिफारिशें लागू कर देती है, तो महंगाई की मार झेल रहे आम आदमी की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी। कमेटी ने 17-18 फीसदी जीएसटी दर की सिफारिश है, जबकि फिलहाल सर्विस टैक्स की दर 14.5 फीसदी है। ऐसे में जीएसटी लागू होने के बाद टेलीफोन सेवाएं, रेस्टोरेंट में खाना और बैंकिंग जैसी सेवाएं महंगी हो जाएंगी।
जीएसटी लागू होने से 4 फीसदी महंगी होंगी सर्विस
मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन की अध्यक्षता वाली समिति ने पूरे देश के लिए ज्यादातर समानों और सर्विस पर 17-18 फीसदी की एक मानक दर लगाने का सुझाव दिया है। डेलॉयट इंडिया की सीनियर डायरेक्टर सलोनी राय ने कहा, जब जीएसटी लागू होगा तो टैक्स की दर अचानक 14 फीसदी से बढ़कर 17-18 फीसदी पहुंच जाएगी। इससे सर्विस महंगी हो जाएंगी। सरकार ने एक अप्रैल से गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) लागू करने की योजना बनाई है। एक संविधान संशोधन विधेयक इस समय राज्य सभा में लंबित है।
5 फीसदी से बढ़कर 14.50 फीसदी हुआ सर्विस टैक्स
सलोनी राय ने कहा कि 1994 में सीमित सेवाओं पर 5 फीसदी की दर से सर्विस टैक्स लगाना शुरू किया गया था और धीरे धीरे कर की दर बढ़कर 14 फीसदी पर पहुंच गई है और कुछ को छोड़कर लगभग सभी सर्विस इसके दायरे में आ चुकी हैं। पिछले बजट में वित्त मंत्री अरण जेटली ने सर्विस टैक्स की दर 12.36 फीसदी से बढ़ाकर 14 फीसदी कर दी और 0.5 फीसदी का सेस शामिल करने के बाद वर्तमान में सर्विस टैक्स की दर 14.5 फीसदी है। अभी यह भी स्पष्ट नहीं है कि स्वच्छ भारत सेस को जीएसटी में शामिल कर दिया जाएगा या इसे मानक दर के अलावा लगाया जाएगा। बीएमआर एंड एसोसिएट्स की साझीदार मालिनी मल्लिकार्जुन ने कहा कि रियल एस्टेट जैसे कुछ सेक्टरों पर असर नहीं पड़ेगा क्योंकि ये जीएसटी में शामिल नहीं हैं।
सरकार इस हफ्ते जीएसटी बिल पास कराने के लिए लगाएगी जोर
सरकार के इस हफ्ते में संसद में जीएसटी पर निर्णायक जोर देने का संकल्प लेने के साथ सोमवार से राज्यसभा में वाकयुद्ध हो सकता है, क्योंकि दोनों ही पक्ष अपने अपने हिसाब से महत्वपूर्ण सुधार उपायों वाले विधेयक को पारित कराना चाहते हैं। जहां वर्तमान सत्र के पहले दो दिन किसी तरह का अवरोध नहीं देखा गया और संविधान और उसके रचयिता बी आर अंबेडकर पर चर्चा की गई वहीं सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के सदस्यों के बीच केंद्रीय मंत्री वी के सिंह के विवादित बयान को लेकर टकराव देखा गया। इस सत्र में अब तक केवल दो विधेयक पारित हुए हैं जिनमें कैरेज बाई एयर (संशोधन) विधेयक, 2015 और भारतीय मानक ब्यूरो विधेयक, 2015 शामिल हैं।