Saturday, November 02, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. सेवा क्षेत्र की वृद्धि साढ़े तीन साल के उच्चतम स्तर पर, भविष्‍य का दृष्टिकोण है आशावादी

सेवा क्षेत्र की वृद्धि साढ़े तीन साल के उच्चतम स्तर पर, भविष्‍य का दृष्टिकोण है आशावादी

बाजार की परिस्थितियों में सुधार और नए ऑर्डर की मदद से देश के सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर अगस्त में साढ़े तीन साल के उच्चतम स्तर पर रही।

Abhishek Shrivastava
Updated on: September 05, 2016 14:44 IST
अगस्‍त में सेवा क्षेत्र की वृद्धि साढ़े तीन साल के उच्चतम स्तर पर, भविष्‍य का दृष्टिकोण है आशावादी- India TV Paisa
अगस्‍त में सेवा क्षेत्र की वृद्धि साढ़े तीन साल के उच्चतम स्तर पर, भविष्‍य का दृष्टिकोण है आशावादी

नई दिल्ली। बाजार की परिस्थितियों में सुधार और नए ऑर्डर की मदद से देश के सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर अगस्त में साढ़े तीन साल के उच्चतम स्तर पर रही लेकिन रोजगार सृजन का रुझान अपेक्षाकृत फीका रहा। यह बात एक प्रतिष्ठित मासिक सर्वेक्षण में सामाने आई है।

निक्केइ इंडिया सेवा खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) अगस्त में 54.7 पर रहा, जो जुलाई में 51.9 पर था। सूचकांक में 14 महीनों से लगातार वृद्धि हुई है। सूचकांक का 50 से उपर रहना वृद्धि और नीचे रहना संकुचन का संकेतक है।

सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर जुलाई में तीन महीने के उच्चतम स्तर पर: पीएमआई

आईएचएस मार्किट की अर्थशास्त्री और सर्वेक्षण रिपोर्ट की लेखिका पॉलियाना डी लीमा ने कहा, सेवा क्षेत्र में अगस्त माह के दौरान बेहतरीन प्रदर्शन दिखा। गतिविधियों में बढ़ोतरी में मुख्य भूमिका नए कारोबार की रही। पीएमआई सेवा वृद्धि दर साढ़े तीन साल के उच्चतम स्तर पर रही और कंपनियों ने मुख्य तौर पर इसे बाजार की बेहतर स्थितियों से जोड़ा।

निजी क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों में बढ़ोतरी जाहिर करते हुए विनिर्माण उत्पादन में वृद्धि के साथ निक्केइ इंडिया मिश्रित पीएमआई उत्पादन सूचकांक भी अगस्त में 42 महीने के उच्चतम स्तर 54.6 पर पहुंच गया, जो जुलाई में 52.4 पर था। इस बीच रोजगार के मामले में अगस्त में हल्की गिरावट रही। रोजगार में पिछले साल सितंबर से पहली बार गिरावट हुई।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement