नई दिल्ली। कर विभाग ने 50 लाख रुपए तक का कारोबार करने वाले सेवाप्रदाताओं के लिए कंपोजिशन योजना का विकल्प चुनने की तारीख बढ़ाकर 31 जुलाई कर दी है। कंपोजिशन योजना का विकल्प चुनने वाले सेवाप्रदाताओं को छह प्रतिशत का माल एवं सेवा कर (जीएसटी) देना होगा।
केंद्रीय वित्त मंत्री की अगुवाई वाली जीएसटी परिषद ने एक अप्रैल, 2019 से ऐसे सेवाप्रदाताओं को कंपोजिशन योजना का विकल्प चुनने और घटी छह प्रतिशत की दर से कर का भुगतान करने की अनुमति दी थी। जीएसटी परिषद में राज्यों के वित्त मंत्री भी शामिल हैं। जीएसटी के तहत ज्यादातर सेवाओं पर 12 और 18 प्रतिशत का कर लगता है।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने सर्कुलर में कहा कि ऐसे आपूर्तिकर्ता जो कंपोजिशन योजना का विकल्प चुनना चाहते हैं उन्हें फॉर्म जीएसटी सीएमपी-02 भरना होगा। इसके लिए उन्हें कंपोजिशन शुल्क के लिए पात्र अन्य आपूर्तिकर्ता का चयन करना होगा। उन्हें यह फॉर्म 31 जुलाई, 2019 तक भरना होगा।
इससे पहले सीबीआईसी ने कंपोजिशन योजना का विकल्प चुनने के लिए अंतिम तारीख 30 अप्रैल, 2019 तय की थी। जीएसटी कंपोजिशन योजना अब तक उन व्यापारियों और विनिर्माताओं को उपलब्ध थी, जिनका सालाना कारोबार एक करोड़ रुपए तक है। इस सीमा को एक अप्रैल से बढ़ाकर 1.5 करोड़ रुपए कर दिया गया है।
योजना के तहत व्यापारियों और विनिर्माताओं को वस्तुओं पर सिर्फ एक प्रतिशत जीएसटी देना होता है। वैसे इन वस्तुओं पर ऊंचा 5, 12 या 18 प्रतिशत का जीएसटी लगता है। ऐसे डीलरों को अपने उपभोक्ताओं से जीएसटी लेने की अनुमति नहीं है। जीएसटी के तहत पंजीकृत 1.22 करोड़ कंपनियों और कारोबारियों में से 17.5 लाख ने जीएसटी कंपोजिशन योजना के विकल्प को चुना है।