मुंबई। चार बड़े शहरों में स्थित हवाईअड्डों पर क्षमता विस्तार की 38 हजार करोड़ रुपये की चल रही परियोजनाओं की धीमी प्रगति के कारण कम से कम 2023 तक इन हवाईअड्डों पर यात्रियों की लम्बी घुमावदार कतारें देखने को मिल सकती हैं। एक रिपोर्ट में यह चेतावनी दी गयी है।
क्रिसिल ने एक रिपोर्ट में कहा कि नयी दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू और हैदराबाद के हवाईअड्डों से आधे से अधिक बावागमन होता है और ये हवाईअड्डे अपनी क्षमता का 130 प्रतिशत परिचालन कर रहे हैं। इन हवाईअड्डो का 38 हजार करोड़ रुपये का क्षमता विस्तार कार्य चल रहा है, लेकिन इसके 2023 के अंत से पहले पूरा होने का अनुमान नहीं है।
रिपोर्ट में कहा गया, 'इन चार हवाईअड्डों की मौजूदा क्षमता सालाना 13.8 करोड़ यात्रियों के आवागमन की है और इसके बढ़कर 2023 तक 22.8 करोड़ पर पहुंच जाने का अनुमान है। हालांकि इस दौरान आवागमन के भी सालाना 10 प्रतिशत तक की दर से बढ़ने का अनुमान है। चूंकि अतिरिक्त क्षमता 2023 तक चरणबद्ध तरीके से ही परिचालन में आ सकेगी, तब तक इन हवाईअड्डों पर यात्रियों की भीड़ बने रहने का अनुमान है।'