लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अगर आप बाइक या कार चलाते हैं तो आपके लिए एक अहम खबर है। उत्तर प्रदेश में शुक्रवार से मोटरसाइकिल और कार के अलग-अलग ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) की जरूरत होगी। फिलहाल इस प्रक्रिया को संभागीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) एक माह तक पायलट प्रोजेक्ट के रूम में शुरू किया जाएगा। हालांकि डीएल बनने की प्रक्रिया 16 अप्रैल से शुरू होगी। यूपी के परिवहन आयुक्त के रवींद्र नायक ने सभी आरटीओ को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल से 15 मई तक ट्रायल के रूप में दोपहिया और चार पहिया वाहनों के लिए अलग डीएल बनाए जाएं।
ये होगी लाइसेंस की फीस
नई व्यवस्था के तहत वाहन मालिकों और अन्य इच्छुक आवेदकों को मोटरसाइकिल व कार के डीएल के लिए प्रोसेसिंग फीस 50-50 रुपये और डीएल शुल्क 200-200 रुपये चुकाने होंगे। अब तक लोग मोटरसाइकिल एवं कार का एक साथ डीएल बनवाते थे। आवेदक को डीएल बनवाने के लिए उम्र एवं पता का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना जरूरी होगा। इसके लिए सबसे बेहतर मतदाता पहचान-पत्र है। आवेदक को टेस्ट भी देना होगा। इसके तहत आरटीओ कार्यालय जाकर फोटो खिंचवानी पड़ेगी और अंगूठे का निशान देना होगा। लर्निग डीएल बनवाने के लिए आवेदक को ऑनलाइन आवेदन करना पड़ेगा।
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लाइसेंस की बढ़ती डिमांड के चलते उठाया कदम
परिवहन विभाग से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक अलग अलग लाइसेंस बनवाने का यह फैसला आवेदनों की बढ़ती संख्या के चलते लिया गया है। विभाग के पास वाहनों की संख्या के मुकाबले गई गुना अधिक आवेदन आते हैं। इससे आरटीओ का काम बढ़ जाता है। विभाग के मुताबिक 80 फीसदी लोगों के पास चौपहिया वाहन नहीं हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने कार या लाइट मोटर व्हीकल के लिए आवेदन किया हुआ है।
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