मुंबई। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा से पहले शेयर बाजारों में निवेशकों के सतर्क रूख के कारण आज बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 66 अंक टूटकर 26,777.45 अंक पर बंद हुआ। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी तीन कारोबारी सत्र की तेजी के बाद 19.75 (0.24 फीसदी) की गिरावट के साथ 8,201.05 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 8,234.70 से 8,186.05 अंक के दायरे में रहा। वैश्विक बाजारों से मिले-जुले रूख का भी असर बाजार पर पड़ा।
आईटी, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और ऑयल एंड गैस में बिकवाली
रिजर्व बैंक की कल जारी होने वाली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा से पहले जोखिम कम करने के लिए निवेशकों ने आईटी, उपभोक्ता टिकाउ, स्वास्थ्य तथा तेल एवं गैस शेयरों में बिकवाली की। इसके कारण इन सेक्टरों में गिरावट देखने को मिली। हालांकि फॉरेन फंड्स की ओर से अच्छे पूंजी प्रवाह के बीच शुरू में सेंसेक्स तेजी पर रहा। बाद में मुनाफावसूली से सेंसेक्स 65.58 अंक या 0.24 प्रतिशत की गिरावट के साथ 26,777.45 अंक पर बंद हुआ।
कारोबारियों के अनुसार अधिकतर निवेशक यह मानकर चल रहे हैं कि रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन 2015-16 में 7.6 फीसदी आर्थिक वृद्धि के बाद नीतिगत ब्याज दर के मामले में फिलहाल यथास्थिति बनाये रखेंगे और मंगलवार को आरबीआई की नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। इससे धारणा प्रभावित हुई।
इन आंकड़ों ने डाला बाजार पर असर
अमेरिकी फेडर रिजर्व की बैठक को लेकर चिंता और यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के बाहर निकलने को लेकर अनिश्चितता का भी बाजार पर असर पड़ा। हालांकि बेहतर जीडीपी आंकड़ा और मानसून सामान्य से बेहतर रहने की भविष्यवाणी से गिरावट पर थोड़ा अंकुश लगा।